क्या मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने राहुल गांधी के रवैये पर जताई आपत्ति?

सारांश
Key Takeaways
- विकास कार्यों का राजनीतिकरण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
- राहुल गांधी का व्यवहार शासक जैसा नहीं होना चाहिए।
- स्थानीय सांसदों की जिम्मेदारी होती है कि वे उचित कार्यान्वयन सुनिश्चित करें।
- विपक्ष को मजबूत होना चाहिए, लेकिन सिर्फ विरोध करना पर्याप्त नहीं है।
- उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन को बधाई दी गई।
लखनऊ, 12 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति (दिशा) की बैठकों के राजनीतिकरण का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों से संबंधित बैठकों का राजनीतिकरण करने की कोशिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति की बैठक की अध्यक्षता स्थानीय सांसद करते हैं, जहां केंद्र और राज्य सरकार द्वारा जनता के लिए धनराशि आवंटित की जाती है। सांसद का काम निगरानी और उचित कार्यान्वयन सुनिश्चित करना है, लेकिन जब कोई सांसद शासक की तरह व्यवहार करता है और प्रक्रियाओं को नजरअंदाज करता है, तो स्वाभाविक रूप से विरोध होता है।"
उन्होंने आगे कहा, "रायबरेली में राहुल गांधी ने कहा कि सब कुछ उनकी इच्छा के अनुसार होगा। शासन व्यक्तिगत इच्छाओं से नहीं चलेगा, यह भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुसार होगा। ऐसी बैठकों का राजनीतिकरण करने की कोशिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी।"
दिनेश प्रताप सिंह ने उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन को बधाई दी। उन्होंने कहा, "मैं सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति बनने की बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि वे उन्हें भारत के नागरिकों की आशाओं को पूरा करने और देश को एक महान राष्ट्र बनाने की दिशा में ले जाने की शक्ति प्रदान करें।"
उन्होंने विपक्ष पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, "विपक्ष इस समय भ्रमित है और उनको नहीं पता कि उन्हें क्या करना चाहिए। यही कारण है कि अब विपक्ष समाप्ति की ओर बढ़ रहा है। मैं मानता हूं कि विपक्ष लोकतंत्र की खूबसूरती है और इसलिए उसे मजबूत होना चाहिए, लेकिन वर्तमान में विपक्ष सिर्फ विरोध करता है।"
बता दें कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी दो दिवसीय रायबरेली दौरे पर पहुंचे थे, जहां उन्होंने कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने दिशा की बैठक में शिरकत की, जहां विधायक मनोज पांडेय ने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी को लेकर निंदा प्रस्ताव रखा था। साथ ही लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से माफी मांगने को कहा, लेकिन राहुल गांधी के मना करते ही उन्होंने इसका विरोध करते हुए बैठक का बहिष्कार कर दिया था।