क्या दिव्यांग पति को कंधों पर बैठाकर पत्नी हरिद्वार पहुंची?

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क्या दिव्यांग पति को कंधों पर बैठाकर पत्नी हरिद्वार पहुंची?

सारांश

हरिद्वार, 14 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। सावन का पहला सोमवार भगवान शिव के भक्तों के लिए खास है। इस दिन एक महिला ने अपने दिव्यांग पति को कंधों पर बैठाकर हरिद्वार की यात्रा की और दक्षिणेश्वर महादेव मंदिर में जलाभिषेक किया, जो श्रद्धा और समर्पण का अनूठा उदाहरण है।

Key Takeaways

  • आस्था और समर्पण का अद्भुत उदाहरण।
  • दिव्यांग पति की पत्नी ने कंधों पर बैठाकर यात्रा की।
  • कनखल स्थित दक्षिणेश्वर महादेव मंदिर में जलाभिषेक।
  • हरिद्वार में श्रद्धालुओं की भारी भीड़।
  • सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए।

हरिद्वार, 14 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। सावन का पहला सोमवार भगवान शिव के भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है। इस अवसर पर आस्था की एक अनोखी मिसाल सामने आई है। उत्तर प्रदेश के मोदीनगर की एक महिला ने अपने दिव्यांग पति को अपने कंधों पर बैठाकर हरिद्वार की यात्रा की। इस दंपति ने कनखल स्थित प्राचीन दक्षिणेश्वर महादेव मंदिर में भोलेनाथ का जलाभिषेक कर श्रद्धा और समर्पण की अद्भुत मिसाल पेश की।

मोदीनगर के निवासी सचिन एक वर्ष पहले से पैरों से लाचार हो गए। इस दिव्यांग स्थिति में भी उन्होंने हरिद्वार जाकर भगवान शिव को जलाभिषेक करने का संकल्प लिया। उनके इस सपने को साकार करने का जिम्मा उनकी पत्नी ने उठाया। वह अपने पति को हरिद्वार लेकर गईं और कंधों पर बैठाकर मंदिर में दर्शन कराए। उनके साथ उनके दो बच्चे भी थे।

समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में सचिन ने कहा, "मैं पहले 13 कांवड़ चढ़ा चुका था। एक साल से दिव्यांग स्थिति में हूँ। इस बार मेरी पत्नी के मन में भी आस्था जागी और वह मुझे यहाँ लेकर आई। मैंने यहाँ भगवान शिव से अपने स्वास्थ्य की मन्नत मांगी है।"

सचिन ने बताया कि वह हर साल सावन में यह संकल्प लेकर यात्रा करते हैं, ताकि उनके परिवार में सुख-शांति बनी रहे और उनका शरीर स्वस्थ रहे। उनका कहना है कि यह यात्रा उनके लिए आस्था, समर्पण और विश्वास की प्रतीक है।

इस बीच, पहले सोमवार पर हरिद्वार के शिवालयों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। विशेष रूप से कनखल स्थित दक्षिणेश्वर महादेव मंदिर में सुबह से ही भक्तों की लंबी कतारें देखी गईं। जलाभिषेक कर श्रद्धालु भगवान शिव से सुख-समृद्धि और मनोकामना की पूर्ति की प्रार्थना कर रहे हैं।

एक कांवड़िए ने कहा, "हमारी मनोकामना यही है कि घर-परिवार में सब सुख-शांति से रहें। जो भी कांवड़िए आए हैं, वे जल लेकर अपनी मंजिल तक सही-सलामत पहुंच जाएं।"

भारी भीड़ को देखते हुए हरिद्वार पुलिस प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद नजर आया। मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं, ताकि किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न हो।

Point of View

जो समाज में एक प्रेरणा है। हरिद्वार में इस तरह की आस्था के साथ श्रद्धालुओं की भीड़, भारतीय संस्कृति में धार्मिक विश्वास की गहराई को प्रकट करती है।
NationPress
21/07/2025

Frequently Asked Questions

इस घटना की विशेषता क्या है?
इस घटना में एक महिला ने अपने दिव्यांग पति को कंधों पर बैठाकर हरिद्वार की यात्रा की, जो आस्था और समर्पण का प्रतीक है।
कौन सा मंदिर इस दंपति ने जलाभिषेक किया?
इस दंपति ने कनखल स्थित प्राचीन दक्षिणेश्वर महादेव मंदिर में जलाभिषेक किया।
सचिन का स्वास्थ्य किस प्रकार प्रभावित हुआ?
सचिन एक वर्ष पहले से पैरों से लाचार हो गए हैं लेकिन उनकी पत्नी ने उन्हें हरिद्वार ले जाकर उनकी आस्था को पूरा किया।