क्या डोनाल्ड ट्रंप को कोई भी गंभीरता से नहीं लेगा? : इमरान मसूद

सारांश
Key Takeaways
- इमरान मसूद ने अमित शाह पर आरोप लगाया कि वह इतिहास के पन्ने पलटते हैं।
- ट्रंप के सीजफायर प्रस्ताव पर ईरान ने अस्वीकार किया।
- पहलगाम आतंकी हमले में शामिल आतंकवादी पाकिस्तान के थे।
- बिलावल भुट्टो की क्षमता पर सवाल उठाए गए।
- इमरान मसूद का मानना है कि ट्रंप को कोई गंभीरता से नहीं लेगा।
नई दिल्ली, 24 जून (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस के सांसद इमरान मसूद ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर तीखा हमला करते हुए इतिहास के पन्ने पलटने का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि वे कौन सा इतिहास लिखने का प्रयास कर रहे हैं।
इमरान मसूद ने मंगलवार को राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए कहा, "वह (अमित शाह) हमेशा इतिहास के पन्ने पलटते रहते हैं। उन्हें यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि वे किस इतिहास की बातें कर रहे हैं।"
इमरान मसूद ने ईरान और इजरायल के बीच ट्रंप द्वारा सीजफायर की घोषणा पर भी अपनी राय रखी। उन्होंने कहा, "ट्रंप की स्थिति को देखते हुए, मुझे लगता है कि कुछ दिनों बाद कोई भी उन्हें गंभीरता से नहीं लेगा। वह पिछले कुछ समय से इस तरह के बयान दे रहे हैं। वह रूस-यूक्रेन के बीच सीजफायर कराने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन वहां तो ऐसा कुछ नहीं हुआ। अब वह ईरान-इजरायल के बीच भी यही कर रहे हैं, लेकिन याद रहे कि खामेनेई ने स्पष्ट किया था कि ईरान कभी सरेंडर नहीं करेगा।"
इमरान मसूद ने बिलावल भुट्टो के विवादास्पद बयान पर कहा, "उनकी (बिलावल भुट्टो) कोई औकात नहीं है, वे कभी हमारे सामने टिक नहीं सकते।"
इमरान मसूद ने पहलगाम आतंकी हमले के संदर्भ में कहा, "एनआईए यह खुलासा कर रहा है कि इस हमले में शामिल आतंकवादी पाकिस्तान के थे। उनके स्कैच भी जारी किए गए हैं। मैं जानना चाहता हूं कि अगर आतंकवादी पाकिस्तान से हैं तो यह किसका फेलियर है। मैं मांग करता हूं कि आतंकियों को पकड़कर सजा दी जाए।"
गौरतलब है कि ईरान और इजरायल के बीच सीजफायर की घोषणा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने की थी। इसके बाद ईरान ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया और इजरायल पर हमले जारी रखे। भ्रम की स्थिति में ट्रंप ने कहा कि इजरायल और ईरान लगभग एक साथ उनके पास आए थे और शांति की बात की।