क्या डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती पर पीएम मोदी और राजनाथ सिंह ने उन्हें श्रद्धांजलि दी?

सारांश
Key Takeaways
- डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।
- प्रधानमंत्री मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उनके योगदान को याद किया।
- डॉ. कलाम का सपना एक आत्मनिर्भर भारत का था।
- उनकी किताबें आज भी युवाओं को प्रेरित करती हैं।
- उनका जीवन हमें विनम्रता और कड़ी मेहनत का पाठ पढ़ाता है।
नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के पूर्व राष्ट्रपति और 'मिसाइल मैन' के रूप में प्रसिद्ध डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की जयंती पर देशवासियों ने उन्हें याद किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
पीएम मोदी और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर भावभीनी श्रद्धांजलि दी। उन्होंने डॉ. कलाम के योगदान को रेखांकित करते हुए उनके विचारों को आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में प्रेरणादायी बताया।
प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट करते हुए लिखा, "डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम को उनकी जयंती पर शत-शत नमन। उन्हें एक दूरदर्शी व्यक्ति के रूप में याद किया जाता है, जिसने युवा मन को प्रज्वलित किया और हमारे देश को बड़े सपने देखने के लिए प्रेरित किया। उनका जीवन हमें याद दिलाता है कि सफलता के लिए विनम्रता और कड़ी मेहनत अत्यंत आवश्यक है। डॉ. कलाम का सपना एक सशक्त, आत्मनिर्भर और करुणामय भारत था और हम उनके इस दृष्टिकोण को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"
मोदी जी ने 1.07 मिनट का एक वीडियो भी साझा किया, जिसमें उन्होंने कहा, "कलाम साहब का जीवन इतना व्यापक, विशाल और गहरा रहा है कि उन्हें याद करना गर्व की बात है, लेकिन साथ ही एक कसक भी रहती है कि काश वह हमारे साथ होते। यह जो कमी महसूस होती है, उसे भरना सभी के लिए एक चुनौती है।"
उन्होंने कहा, "मुझे विश्वास है कि अब्दुल कलाम जी के आशीर्वाद से हमें जो शिक्षा मिली है, उसे हम पूरा करने का पूरा प्रयास करेंगे। यह उनके लिए हमारी सबसे बड़ी श्रद्धांजलि होगी। वे राष्ट्रपति बने और मैं समझता हूं कि उससे पहले वे राष्ट्र रत्न थे। कलाम साहब का जीवन हमें हमेशा प्रेरित करता रहेगा। हम सब अपने संकल्प को पूरा करने के लिए पूरी मेहनत करेंगे।"
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी डॉ. कलाम को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, "दूरदर्शी वैज्ञानिक, प्रेरणादायी नेता और सच्चे देशभक्त डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।"
उन्होंने डॉ. कलाम के रक्षा, विज्ञान और युवा सशक्तीकरण में योगदान को याद किया। राजनाथ ने लिखा, "भारत की रक्षा और आत्मनिर्भरता को मजबूत करने में उनका समर्पण अविस्मरणीय है। 'भारत के मिसाइल मैन' आज भी पीढ़ियों को बड़े सपने देखने और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए प्रेरित करते हैं।" उन्होंने डॉ. कलाम की विरासत को हर भारतीय के दिल में अंकित बताया।
डॉ. कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। उन्होंने भारत के अंतरिक्ष और मिसाइल कार्यक्रमों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। अग्नि और पृथ्वी जैसी मिसाइलों के विकास में उनकी भूमिका ऐतिहासिक रही। 2002 से 2007 तक भारत के राष्ट्रपति रहे डॉ. कलाम ने अपनी सादगी और युवाओं से जुड़ाव के कारण जनता के बीच अपार लोकप्रियता हासिल की। उनकी किताबें, जैसे 'विंग्स ऑफ फायर' और 'इग्नाइटेड माइंड्स', आज भी लाखों लोगों को प्रेरित करती हैं।