क्या डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जयंती पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति ने उन्हें नमन किया?

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क्या डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जयंती पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति ने उन्हें नमन किया?

सारांश

डॉ. राजेंद्र प्रसाद की 141वीं जयंती पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर, उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने भी भावुक श्रद्धांजलि दी। जानें इस विशेष दिन पर उनके योगदान को याद करने के लिए आयोजित कार्यक्रमों के बारे में।

Key Takeaways

  • डॉ. राजेंद्र प्रसाद का जीवन सादगी और ईमानदारी का प्रतीक था।
  • उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • उनका योगदान आज भी देशवासियों को प्रेरित करता है।

नई दिल्ली, 3 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के पहले राष्ट्रपति और देशरत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद की 141वीं जयंती के अवसर पर पूरे देश में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। बुधवार को राष्ट्रपति भवन में एक विशेष आयोजन का आयोजन हुआ, जहाँ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और उन्हें नमन किया। उन्होंने इस समारोह की तस्वीरें सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म 'एक्स' पर साझा कीं, जिससे देशवासियों को डॉ. राजेंद्र प्रसाद के अद्वितीय योगदान की याद दिलाई।

उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने भी 'एक्स' पर एक पोस्ट लिखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि भारत के पहले राष्ट्रपति और स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेताओं में से एक डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जयंती पर देश गर्व महसूस करता है। संविधान सभा के अध्यक्ष के रूप में डॉ. प्रसाद ने बेजोड़ समझदारी, धैर्य और विनम्रता के साथ देश के संविधान को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

उपराष्ट्रपति ने आगे लिखा कि भारत के पहले राष्ट्रपति चुने जाने के बाद भी डॉ. राजेंद्र प्रसाद का जीवन सादगी और ईमानदारी का प्रतीक बना रहा। उन्होंने हमेशा लोकतांत्रिक मूल्यों और जनता की सेवा को सर्वोपरि माना। उनका पूरा कार्यकाल इस बात का प्रमाण है कि सत्ता में रहते हुए भी एक व्यक्ति कितनी विनम्रता और ईमानदारी से देश की सेवा कर सकता है।

3 दिसंबर, 1884 को बिहार के जिरादेई में जन्मे राजेंद्र प्रसाद न केवल एक महान नेता थे, बल्कि एक शिक्षाविद, लेखक और अत्यंत संवेदनशील व्यक्ति भी थे। स्वतंत्रता आंदोलन में उनका योगदान अतुलनीय रहा। वे महात्मा गांधी के बेहद करीबी थे और उनके सिद्धांतों का पालन जीवन भर करते रहे। चाहे चंपारण सत्याग्रह हो या नमक सत्याग्रह, डॉ. प्रसाद हर संघर्ष में देशवासियों के साथ खड़े रहे।

राजेंद्र प्रसाद आजाद भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में चुने गए। उनका कार्यकाल 26 जनवरी, 1950 से 13 मई, 1962 तक रहा। आज उनकी जयंती के अवसर पर देशभर में कई कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें लोगों ने उनके विचारों और जीवन से जुड़ी बातें साझा की।

Point of View

बल्कि यह हमें उनके योगदान और सिद्धांतों की याद दिलाता है। आज का दिन हमें यह सिखाता है कि सादगी और ईमानदारी से कैसे राष्ट्र की सेवा की जा सकती है।
NationPress
09/12/2025

Frequently Asked Questions

डॉ. राजेंद्र प्रसाद का जन्म कब हुआ?
डॉ. राजेंद्र प्रसाद का जन्म 3 दिसंबर, 1884 को बिहार के जिरादेई में हुआ।
डॉ. राजेंद्र प्रसाद भारत के पहले राष्ट्रपति कब बने?
वे 26 जनवरी, 1950 को भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में चुने गए।
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