क्या डीआरडीओ-वायुसेना ने ‘अस्त्र’ मिसाइल का सफल परीक्षण किया?

सारांश
Key Takeaways
- ‘अस्त्र’ मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया।
- स्वदेशी आरएफ सीकर का इस्तेमाल।
- 100 किलोमीटर से अधिक की मारक क्षमता।
- 50 से अधिक उद्योगों का योगदान।
- रक्षा तकनीक में आत्मनिर्भरता का प्रतीक।
नई दिल्ली, 11 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय वायुसेना ने शुक्रवार को हवा से हवा में मार करने वाली बियॉन्ड विजुअल रेंज मिसाइल (बीवीआरएएएम) ‘अस्त्र’ का सफल परीक्षण किया।
स्वदेशी ‘रेडियो फ्रीक्वेंसी (आरएफ) सीकर’ से लैस ‘अस्त्र’ का परीक्षण ओडिशा तट के निकट भारतीय फाइटर जेट सुखोई-30 एमके-1 से किया गया। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, परीक्षण के दौरान दो मिसाइलें लॉन्च की गईं। इनमें उच्च गति के मानवरहित हवाई लक्ष्यों को विभिन्न रेंज, दिशा और लॉन्च प्लेटफॉर्म्स की स्थितियों में निशाना बनाया गया। शानदार प्रदर्शन के साथ, दोनों बार मिसाइल ने लक्ष्य को अत्यंत सटीकता के साथ नष्ट किया।
मंत्रालय के अनुसार, मिसाइल परीक्षण में स्वदेशी आरएफ सीकर सहित सभी सबसिस्टम्स ने अपेक्षा के अनुसार प्रदर्शन किया। यह आरएफ सीकर डीआरडीओ द्वारा देश में ही डिजाइन और विकसित किया गया है। इस परीक्षण ने ‘अस्त्र’ मिसाइल प्रणाली की सटीकता और विश्वसनीयता को प्रमाणित किया है। यह प्रामाणिकता इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज, चांदीपुर द्वारा तैनात रेंज ट्रैकिंग यंत्रों के माध्यम से प्राप्त उड़ान डेटा के आधार पर मिली है।
'अस्त्र' की मारक क्षमता 100 किलोमीटर से अधिक है। यह उन्नत गाइडेंस एवं नेविगेशन प्रणाली से युक्त है। इस परियोजना में डीआरडीओ की विभिन्न प्रयोगशालाओं के साथ-साथ हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) समेत 50 से अधिक सार्वजनिक और निजी उद्योगों का योगदान रहा है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सफलता के लिए डीआरडीओ, भारतीय वायुसेना और औद्योगिक साझेदारों को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि स्वदेशी सीकर के साथ मिसाइल का सफल परीक्षण रक्षा तकनीक में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा मील का पत्थर है।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव एवं डीआरडीओ प्रमुख डॉ. समीर वी. कामत ने भी इस सफलता के लिए सभी टीमों को बधाई दी।