क्या सीजेआई ने राकेश किशोर को दुर्व्यवहार मामले में माफ किया?

Click to start listening
क्या सीजेआई ने राकेश किशोर को दुर्व्यवहार मामले में माफ किया?

सारांश

सुप्रीम कोर्ट ने राकेश किशोर के खिलाफ सीजेआई के प्रति अभद्र व्यवहार के मामले में अवमानना की कार्रवाई शुरू करने से इनकार किया। सीजेआई ने उन्हें माफ कर दिया है, लेकिन भविष्य में ऐसे कृत्यों को रोकने के लिए दिशानिर्देश जारी करने पर विचार किया गया है।

Key Takeaways

  • सुप्रीम कोर्ट ने राकेश किशोर को माफ किया।
  • अवमानना की कार्रवाई शुरू करने से इनकार किया गया।
  • सीजेआई की माफी व्यक्तिगत क्षमता में थी।
  • भविष्य में दिशानिर्देश जारी करने पर विचार किया जाएगा।
  • राकेश किशोर के बाद के आचरण ने नया विवाद पैदा किया।

नई दिल्ली, 27 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को वकील राकेश किशोर के खिलाफ चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) बीआर गवई के खिलाफ अभद्र व्यवहार के मामले में अपराधी अवमानना की कार्रवाई शुरू करने से इनकार कर दिया।

कोर्ट ने कहा कि सीजेआई ने उदारता दिखाते हुए राकेश किशोर को माफ कर दिया है, इसलिए इस मामले को समाप्त माना जाएगा। हालांकि, अदालत ने ऐसे कृत्यों के महिमामंडन और भविष्य में रोक लगाने के लिए दिशानिर्देश जारी करने पर विचार जारी रखने का संकेत दिया।

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) के अध्यक्ष विकास सिंह ने कहा कि शुरुआत में मामला समाप्त हो गया था। जब सीजेआई ने किशोर को माफ कर दिया था, लेकिन राकेश किशोर ने मीडिया से कहा कि 'भगवान ने मुझसे ऐसा करवाया' और इस पर सोशल मीडिया पर मीम्स बन रहे हैं, जिससे न्यायपालिका का मजाक बन रहा है।

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ एससीबीए की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें किशोर के खिलाफ आपराधिक अवमानना और सोशल मीडिया पर महिमामंडन रोकने के लिए आदेश की मांग की गई थी। विकास सिंह ने बताया कि राकेश किशोर ने मीडिया को इंटरव्यू देते हुए अपने कृत्य को दोहराने की कसम भी खाई।

इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने स्वीकार किया कि राकेश किशोर का व्यवहार 'गंभीर आपराधिक अवमानना' जैसा है, लेकिन जब सीजेआई ने माफ कर दिया, तो यह मामला आगे नहीं बढ़ सकता। जस्टिस बागची ने स्पष्ट किया कि न्यायालय की अवमानना के मामलों में अवमानना कार्रवाई का निर्णय संबंधित जज पर निर्भर होता है।

विकास सिंह ने तर्क दिया कि सीजेआई की माफी उनकी व्यक्तिगत क्षमता में थी और इसे संस्थागत कार्रवाई के रूप में नहीं देखा जा सकता। उन्होंने कहा कि राकेश किशोर के बाद के आचरण, जैसे मीडिया में दिए बयान, एक नया अपराध है।

जस्टिस सूर्यकांत ने इस पर सहमति जताई और कहा कि ऐसे कृत्यों के महिमामंडन को रोकने के लिए निवारक दिशानिर्देश जारी करने पर विचार किया जाएगा ताकि भविष्य में किसी व्यक्ति को अनावश्यक महत्व देने से बचा जा सके।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की चिंता का समर्थन करते हुए कहा कि नोटिस जारी करने से राकेश किशोर को पीड़ित की भूमिका निभाने का अवसर मिल सकता है और विवाद भड़का सकता है।

आखिर में बेंच ने अपराधी अवमानना मामले में आगे न बढ़ाने का फैसला किया और सुनवाई को एक सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया। साथ ही, धर्मोपदेशक डॉ. केए पॉल द्वारा दायर रिट याचिका को भी सुनवाई योग्य न मानते हुए खारिज कर दिया।

Point of View

यह मामला न्यायपालिका के प्रति सम्मान और आचरण की गंभीरता को दर्शाता है। सीजेआई की माफी के बाद भी, राकेश किशोर के आचरण ने नए विवाद को जन्म दिया है। यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि न्यायपालिका और उसके प्रति सम्मान कैसे बनाए रखा जाए।
NationPress
27/10/2025

Frequently Asked Questions

क्या सुप्रीम कोर्ट ने राकेश किशोर को माफ कर दिया?
हाँ, सुप्रीम कोर्ट ने सीजेआई बीआर गवई के प्रति राकेश किशोर के दुर्व्यवहार मामले में उन्हें माफ कर दिया।
क्या इस मामले में कोई अवमानना की कार्रवाई होगी?
नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना की कार्रवाई शुरू करने से इनकार कर दिया है।
क्या भविष्य में ऐसे कृत्यों को रोकने के लिए दिशानिर्देश जारी होंगे?
जी हाँ, सुप्रीम कोर्ट इस पर विचार करने का संकेत दिया है।
राकेश किशोर का मीडिया में क्या बयान था?
राकेश किशोर ने कहा कि 'भगवान ने मुझसे ऐसा करवाया'।
क्या इस मामले में कोई नया विवाद उठ सकता है?
हां, राकेश किशोर के बाद के आचरण और मीडिया में बयान ने नया विवाद खड़ा किया है।