क्या ईसीआई अधिकारी सोमवार से तमिलनाडु में एसआईआर का रिव्यू करेंगे?
सारांश
Key Takeaways
- ईसीआई ने एसआईआर प्रक्रिया का रिव्यू शुरू किया है।
- मतदाता सूची में सुधार के लिए एप्लीकेशन्स ४ दिसंबर तक जमा होनी चाहिए।
- यह प्रक्रिया नौ राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में चल रही है।
- राजनीतिक दलों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
- उद्देश्य है २०२५ के चुनावों के लिए शुद्धता सुनिश्चित करना।
चेन्नई, २४ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत का चुनाव आयोग (ईसीआई) २४ से २६ नवंबर तक तमिलनाडु की मतदाता सूची (वोटर लिस्ट) की जांच और सुधार के लिए चल रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) का रिव्यू करेगा। यह जानकारी मुख्य निर्वाचन अधिकारी और राज्य सरकार की सचिव अर्चना पटनायक ने दी है।
इस एसआईआर प्रक्रिया के तहत नागरिकों को वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने, हटाने या सुधार के लिए ४ दिसंबर तक अपनी एप्लीकेशन जमा करनी होगी।
यह प्रक्रिया नौ राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में एक साथ की जा रही है। डीएमके समेत तमिलनाडु की कई राजनीतिक दलों ने ईसीआई के इस फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
एक आधिकारिक बयान में, अर्चना पटनायक ने बताया कि ईसीआई के सीनियर अधिकारी २०२५ स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन की प्रक्रिया का अवलोकन करने और जिला स्तर की गतिविधियों की देखरेख के लिए तमिलनाडु का दौरा करेंगे।
बयान के अनुसार, ईसीआई के डिप्टी डायरेक्टर पी. पवन और मीडिया डिवीजन के देवांश तिवारी २४ से २६ नवंबर तक चेन्नई के दौरे के दौरान बदलाव से संबंधित मीडिया समन्वय रणनीति और वोटर जागरूकता प्रयासों का निरीक्षण करेंगे।
वे इस बदलाव के हिस्से के रूप में की जा रही फील्ड-लेवल सर्वे गतिविधियों का भी निरीक्षण करेंगे।
इसके अतिरिक्त, ईसीआई के डायरेक्टर कृष्णकुमार तिवारी बूथ लेवल ऑफिसर्स (बीएलओ) के कार्यों की जांच के लिए कोयंबटूर और तिरुप्पुर जिलों का दौरा करेंगे।
उनका रिव्यू टैली शीट बांटने, एंट्रीज के वेरिफिकेशन और वोटर डेटा के डिजिटल अपडेट पर केंद्रित होगा, जो इस प्रक्रिया का मूल आधार है।
अलग से, आईसीआई सचिव मधुसूदन गुप्ता चेन्नई और चेंगलपट्टू जिलों में रिव्यू करेंगे, जिसमें वोटर लिस्ट में सुधार, घर-घर जाकर सत्यापन और क्षेत्रीय टीमों की कार्यप्रणाली की जांच की जाएगी।
सीईओ ने बताया कि एसआईआर प्रक्रिया का उद्देश्य अगले साल होने वाले बड़े चुनावों से काफी पहले २०२५ के इलेक्टोरल रोल की शुद्धता और पूर्णता सुनिश्चित करना है।
अधिकारी जमीन पर आने वाली चुनौतियों का भी अवलोकन करेंगे। इसके साथ ही गाइडलाइंस का पालन सुनिश्चित करेंगे और पब्लिक भागीदारी के लिए सिस्टम को मजबूत करेंगे। उम्मीद है कि ईसीआई पूरे राज्य में रिव्यू के बाद और गाइडलाइंस जारी करेगा, जबकि सुप्रीम कोर्ट मौजूदा रिवीजन के समय और स्कोप पर सवाल उठाने वाली याचिका पर सुनवाई जारी रखे हुए है।