क्या ईडी ने अवैध सट्टेबाजी घोटाले में 81 लाख रुपए की संपत्ति जब्त की?

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क्या ईडी ने अवैध सट्टेबाजी घोटाले में 81 लाख रुपए की संपत्ति जब्त की?

सारांश

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी के मामले में 81 लाख रुपए की संपत्तियां जब्त की हैं। यह कार्रवाई सूरत पुलिस की एफआईआर के आधार पर की गई है, जिसमें प्रमुख आरोपी अमित मजीठिया का नाम शामिल है। जानिए इस घोटाले के पीछे की सच्चाई।

Key Takeaways

  • ईडी ने 81 लाख रुपए की संपत्तियां जब्त की हैं।
  • अवैध सट्टेबाजी का संचालन करने वाले अमित मजीठिया मुख्य आरोपी हैं।
  • यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग के तहत की गई है।
  • सूरत पुलिस की एफआईआर पर आधारित है।
  • जांच में कई महत्वपूर्ण दस्तावेज़ और नकदी बरामद हुई है।

नई दिल्ली, 12 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सूरत उप-क्षेत्रीय कार्यालय ने मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत 81 लाख रुपए की अचल संपत्तियां जब्त की हैं। यह कार्रवाई अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी घोटाले से संबंधित मामले में की गई है। ईडी ने यह जांच सूरत पुलिस के डीसीबी पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर के आधार पर शुरू की थी, जिसमें कमलेश जरीवाला और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक साजिश के आरोप लगाए गए थे।

आरोपों के अनुसार, इन व्यक्तियों ने अवैध रूप से वित्तीय लाभ अर्जित करने के लिए आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दिया।

ईडी की ओर से बुधवार को जारी प्रेस नोट में कहा गया कि जांच के दौरान यह खुलासा हुआ कि अमित मजीठिया ने अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर सट्टेबाजी वेबसाइटें चलाईं। इन वेबसाइटों के माध्यम से युवाओं और आम जनता को ऑनलाइन जुए के लिए आकर्षित किया गया, जिसमें पोकर, तीन पत्ती और कैसीनो जैसे खेलों के साथ-साथ क्रिकेट, फुटबॉल, बैडमिंटन, टेनिस और हॉकी जैसे खेलों पर अवैध सट्टेबाजी की सुविधा दी जाती थी।

जांच में यह भी सामने आया कि अमित मजीठिया ने इन अवैध सट्टेबाजी गतिविधियों से अर्जित अपराध की आय को फर्जी कंपनियों के नाम पर खोले गए विभिन्न बैंक खातों के जरिए घुमाया और वैध दिखाने की कोशिश की। साथ ही, उसने अपनी पत्नी को नोएडा स्थित एम/एस बीसीसी म्यूज़िक फैक्ट्री में 85 प्रतिशत की साझेदारी दिलाई, जिसका उपयोग अवैध धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) के लिए किया जा रहा था।

ईडी की ओर से जारी प्रेस नोट में बताया गया कि 10 जुलाई 2025 को नोएडा में की गई तलाशी के दौरान ईडी को कई आपत्तिजनक दस्तावेज़, डिजिटल उपकरण और 30 लाख रुपये की नकदी बरामद हुई। इसके अलावा, विभिन्न बैंक खातों में 25 लाख रुपये की अवैध राशि भी पाई गई। आगे की जांच में यह स्पष्ट हुआ कि अमित मजीठिया ने अपनी पत्नी रोहिणी मजीठिया के नाम पर एक अचल संपत्ति खरीदी, जिसके लिए उसने अपनी अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी वेबसाइटों से अर्जित धन का उपयोग किया।

ईडी ने बताया कि इस मामले में आगे की जांच जारी है और अपराध से अर्जित संपत्तियों की पूरी श्रृंखला का पता लगाया जा रहा है।

Point of View

इस मामले में ईडी की कार्रवाई को उचित ठहराना आवश्यक है। अवैध सट्टेबाजी से न केवल आर्थिक नुकसान होता है, बल्कि यह समाज में अपराध को भी बढ़ावा देता है। हमें उम्मीद है कि ईडी इस मामले में सख्त कार्रवाई जारी रखेगी और सभी संबंधित व्यक्तियों को न्याय के दायरे में लाएगी।
NationPress
12/11/2025

Frequently Asked Questions

ईडी ने क्यों कार्रवाई की?
ईडी ने अवैध सट्टेबाजी घोटाले के तहत मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की।
इस मामले में प्रमुख आरोपी कौन हैं?
प्रमुख आरोपी अमित मजीठिया हैं, जो अवैध सट्टेबाजी वेबसाइटों का संचालन कर रहे थे।
क्या ईडी ने संपत्तियां कैसे जब्त की?
ईडी ने सूरत पुलिस की एफआईआर के आधार पर तलाशी अभियान चलाकर संपत्तियां जब्त की।
इस घोटाले में कितनी राशि जब्त की गई?
इस घोटाले में कुल 81 लाख रुपए की संपत्तियां जब्त की गई हैं।
क्या आगे की जांच जारी है?
हाँ, ईडी इस मामले में आगे की जांच कर रही है और सभी संबंधित संपत्तियों का पता लगाने का प्रयास कर रही है।