क्या ईडी ने पुणे, बारामती और इंदापुर में डेयरी निवेश धोखाधड़ी को लेकर छापेमारी की?

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क्या ईडी ने पुणे, बारामती और इंदापुर में डेयरी निवेश धोखाधड़ी को लेकर छापेमारी की?

सारांश

प्रवर्तन निदेशालय ने महाराष्ट्र में डेयरी निवेश धोखाधड़ी के मामले में छापेमारी की है। इस कार्रवाई के तहत कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए गए हैं। क्या यह जांच वित्तीय धोखाधड़ी के गंभीर आरोपों की ओर ले जाएगी?

Key Takeaways

  • ईडी की कार्रवाई महत्वपूर्ण वित्तीय धोखाधड़ी के खिलाफ है।
  • निवेशकों ने धोखाधड़ी का शिकार होने का आरोप लगाया है।
  • छापेमारी में कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए गए हैं।
  • ईडी की जांच आगे की कार्रवाई की ओर ले जा सकती है।
  • यह कार्रवाई निवेशकों के विश्वास को बहाल करने का प्रयास है।

मुंबई, 10 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन निवारण अधिनियम, 2022 की धारा 17 के तहत बुधवार को महाराष्ट्र के पुणे, बारामती और इंदापुर में कुल पाँच स्थानों पर सर्च अभियान चलाया।

यह कार्रवाई आनंद सतीश लोखंडे, उनकी कंपनियों मेसर्स विद्यानंद डेयरी प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स विद्यानंद एग्रो फीड प्राइवेट लिमिटेड और उनसे जुड़े कुछ पेशेवरों के ठिकानों पर की गई।

ईडी की यह जांच महाराष्ट्र पुलिस में दर्ज तीन प्राथमिकी पर आधारित है, जिनमें बड़े वित्तीय धोखाधड़ी के गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

शिकायतों के अनुसार, आनंद सतीश लोखंडे और उनके परिवार के सदस्यों ने अपनी कंपनियों के माध्यम से कई निवेशकों को यह विश्वास दिलाया कि डेयरी व्यवसाय, पशु आहार का व्यापार और दूध खरीदने से जुड़ी गतिविधियों से भारी मुनाफा हो रहा है। ये कारोबार अत्यंत लाभदायक और तेजी से बढ़ने वाले उपक्रमों के रूप में प्रस्तुत किए गए। इस पर भरोसा कर अनेक लोगों ने इन कंपनियों द्वारा पेश की गई विभिन्न निवेश योजनाओं में बड़ी रकम लगाई।

निवेशकों का आरोप है कि लोखंडे परिवार ने उनसे प्राप्त धनराशि का उपयोग बताए गए कारोबारों में नहीं किया, बल्कि रकम को अलग-अलग खातों और संस्थाओं के जरिए इधर-उधर घुमाया गया। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि धन को जानबूझकर अस्पष्ट तरीकों से स्थानांतरित किया गया, ताकि वास्तविक उपयोग पर परदा डाला जा सके।

प्राथमिकी में दर्ज जानकारी के अनुसार, कुल 108.30 करोड़ रुपए का वित्तीय घोटाला सामने आया है। ईडी का कहना है कि शुरुआती जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि प्राप्त धन का उपयोग उन कार्यों में नहीं किया गया, जिनके नाम पर निवेश लिया गया था। इसके स्थान पर रकम को विभिन्न माध्यमों से छिपाया गया और संदिग्ध लेनदेन के रूप में इस्तेमाल किया गया। ईडी ने जिन पांच स्थानों पर छापेमारी की, उनमें बारामती के दो, पुणे के दो और इंदापुर का एक ठिकाना शामिल है। अधिकारियों ने इन स्थानों से कई दस्तावेज, खातों का विवरण और डिजिटल सामग्री जब्त की है, जिनकी जांच जारी है।

प्रवर्तन निदेशालय के मुताबिक, पूरे मामले की गहन जांच की जा रही है और आगे मिली जानकारियों के आधार पर अतिरिक्त कार्रवाई की जाएगी। एजेंसी ने यह भी स्पष्ट किया कि जिन भी व्यक्तियों या संस्थानों की संलिप्तता सामने आएगी, उनके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। यह कार्रवाई निवेशकों को धोखाधड़ी से बचाने और वित्तीय अनियमितताओं पर रोक लगाने के प्रयासों का हिस्सा है।

Point of View

NationPress
11/12/2025

Frequently Asked Questions

ईडी ने छापेमारी क्यों की?
ईडी ने वित्तीय धोखाधड़ी के गंभीर आरोपों के तहत छापेमारी की।
कितने स्थानों पर छापेमारी की गई?
ईडी ने पुणे, बारामती और इंदापुर में कुल पांच स्थानों पर छापेमारी की।
क्या दस्तावेज जब्त किए गए?
ईडी ने कई दस्तावेज, खातों का विवरण और डिजिटल सामग्री जब्त की।
निवेशकों का आरोप क्या है?
निवेशकों का आरोप है कि लोखंडे परिवार ने उनसे प्राप्त धन का सही उपयोग नहीं किया।
घोटाले की कुल राशि क्या है?
इस घोटाले की कुल राशि 108.30 करोड़ रुपए बताई गई है।
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