क्या ईडी ने यशदीप शर्मा के बैंक धोखाधड़ी मामले में चार शहरों में छापा मारा?

सारांश
Key Takeaways
- यशदीप शर्मा के खिलाफ ईडी की कार्रवाई का महत्व।
- बैंक धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग का संबंध।
- छापेमारी से निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा।
नई दिल्ली, 14 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को यशदीप शर्मा एवं अन्य के खिलाफ बैंक धोखाधड़ी मामले में चार प्रमुख शहरों - दिल्ली, हैदराबाद, जयपुर और मुंबई में एक-एक परिसर पर तलाशी अभियान चलाया।
यह कार्रवाई डीएलजेडओ-I जोनल कार्यालय द्वारा की गई है। ईडी ने पंजाब एंड सिंध बैंक की शिकायत पर दर्ज सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर एक ईसीआईआर (प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट) दर्ज किया है। जांच में पता चला कि यशदीप शर्मा और उनके परिवार के सदस्यों ने अपनी स्वामित्व वाली संस्थाओं के माध्यम से बैंक से लिए गए लगभग 70 करोड़ रुपये के ऋण में हेराफेरी की।
ईडी के अनुसार, तलाशी अभियान में जिन परिसरों की जांच की गई, वे यशदीप शर्मा से जुड़े व्यक्तियों और संस्थाओं के हैं। बड़ी राशि को उनकी विभिन्न कंपनियों में ट्रांसफर कर दिया गया, जो किसी व्यावसायिक गतिविधि में शामिल नहीं थीं। इससे बैंक को भारी नुकसान हुआ। यह धोखाधड़ी का मामला मनी लॉन्ड्रिंग अधिनियम के तहत दर्ज किया गया है। तलाशी के दौरान दस्तावेज, डिजिटल रिकॉर्ड और अन्य सबूत जुटाए जा रहे हैं ताकि फंड्स के गैरकानूनी प्रवाह का पता लगाया जा सके।
यशदीप शर्मा की संस्थाएं मुख्य रूप से रियल एस्टेट और अन्य क्षेत्रों में सक्रिय बताई जा रही हैं। हालांकि, जांच में यह सामने आया कि ऋण का उपयोग व्यक्तिगत लाभ के लिए किया गया। ईडी ने बताया कि यह कार्रवाई भ्रष्टाचार और बैंक फ्रॉड पर लगाम लगाने की दिशा में महत्वपूर्ण है। इससे पहले सीबीआई ने भी इस मामले में प्रारंभिक जांच की थी, जिसमें शर्मा परिवार की भूमिका संदिग्ध पाई गई।
ईडी ने कहा कि जांच जारी है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। बैंकिंग क्षेत्र में ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं और इस प्रकार की छापेमारी से निवेशकों का भरोसा मजबूत होगा। फिलहाल, तलाशी अभियान सुचारू रूप से चल रहा है और जल्द ही और खुलासे होने की संभावना है।