क्या इंजीनियर राशिद को पुलिस हिरासत में उपराष्ट्रपति चुनाव में वोट डालने की अनुमति मिली?

सारांश
Key Takeaways
- इंजीनियर राशिद को उपराष्ट्रपति चुनाव में वोट डालने की अनुमति मिली।
- राशिद २०१९ से तिहाड़ जेल में हैं।
- उन्हें खुद का यात्रा खर्च उठाना होगा।
- हाई कोर्ट का फैसला राशिद की यात्रा खर्च पर निर्भर करेगा।
- यह निर्णय सियासी हलचल को बढ़ा सकता है।
नई दिल्ली, ६ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली की पटियाल हाउस कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर के बारामूला से सांसद इंजीनियर राशिद को ९ सितंबर को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव में वोट डालने की अनुमति प्रदान की है।
राशिद २०१९ से तिहाड़ जेल में आतंकी फंडिंग के मामले में बंद हैं। उपराष्ट्रपति चुनाव में अब वे पुलिस हिरासत में संसद जाकर मतदान कर सकेंगे। यह निर्णय अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश चंदर जीत सिंह द्वारा लिया गया है।
कोर्ट ने यह शर्त रखी कि राशिद को वोट डालने के लिए संसद जाने का खर्च स्वयं वहन करना होगा। इसके लिए उन्हें एक हलफनामा देकर वचन देना होगा, हालांकि तत्काल कोई भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होगी। यह खर्च तब चुकाना होगा, जब दिल्ली हाई कोर्ट उनकी यात्रा व्यय से संबंधित लंबित अर्जी पर फैसला सुनाएगा। हाई कोर्ट ने इस मामले में अपना निर्णय सुरक्षित रखा है, जिसमें यह तय होगा कि हिरासत में संसद जाने का खर्च राशिद की जिम्मेदारी होगी या नहीं। इस आधार पर ही यह स्पष्ट होगा कि ९ सितंबर की यात्रा के लिए भी उन्हें भुगतान करना होगा या नहीं।
राशिद को कोर्ट ने एक अंडरटेकिंग देने का निर्देश दिया है, जिसमें उन्हें हाई कोर्ट के आगामी फैसले पर अमल करने की सहमति जतानी होगी।
बता दें कि इससे पहले उन्हें संसद के मानसून सत्र (२४ जुलाई से ४ अगस्त) में भाग लेने के लिए हिरासत में पैरोल दी गई थी। २०१७ में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा गिरफ्तार किए गए राशिद पर जम्मू-कश्मीर में अलगाववादियों और आतंकी समूहों को फंडिंग के आरोप हैं।
इस निर्णय से सियासी हलचल तेज हो गई है, क्योंकि राशिद ने २०२४ के लोकसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस के उमर अब्दुल्ला को हराकर जीत हासिल की थी। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि हाई कोर्ट का फैसला उनके लिए कितना प्रभावी साबित होता है।