क्या वायुसेना प्रमुख एपी सिंह ने नागपुर में मेंटेनेंस कमांड कमांडर्स कॉन्क्लेव की अध्यक्षता की?

सारांश
Key Takeaways
- आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए स्वदेशी तकनीकी विकास आवश्यक है।
- रखरखाव कमान की भूमिका वायुसेना की परिचालन तत्परता में महत्वपूर्ण है।
- नई तकनीकों और समाधानों को अपनाना आवश्यक है।
- सुरक्षा मानकों को बनाए रखना हर कर्मी की जिम्मेदारी है।
नागपुर, 17 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय वायुसेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने नागपुर के वायुसेना नगर में आयोजित 'मेन्टेनेंस कमांड कमांडर्स कॉन्क्लेव' की अध्यक्षता की। यह सम्मेलन 16 और 17 अक्टूबर को आयोजित किया गया।
एयर चीफ मार्शल एपी सिंह के आगमन पर मेन्टेनेंस कमांड के एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ और एयर मार्शल वीके गर्ग ने उनका स्वागत किया। इस अवसर पर वायुसेना प्रमुख को औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया।
इस कॉन्क्लेव का मुख्य विषय 'स्वदेशी तकनीकी विकास के माध्यम से क्षमता वृद्धि' था। इसका उद्देश्य आत्मनिर्भरता, स्वदेशीकरण और महत्वपूर्ण संपत्तियों के दीर्घकालिक रखरखाव को बढ़ावा देना था। कॉन्क्लेव के दौरान वायुसेना कमांडरों ने संचालन, रखरखाव और लॉजिस्टिक्स से संबंधित प्रमुख चुनौतियों पर चर्चा की। इसके साथ ही, मिशन तत्परता और बेड़े की उपलब्धता बढ़ाने के लिए नए समाधानों को साझा किया गया।
एयरफोर्स चीफ को रखरखाव कमान की उन पहलों के बारे में जानकारी दी गई, जो विदेशी ओईएम पर निर्भरता कम करने, सिस्टम की विश्वसनीयता बढ़ाने, जीवन विस्तार अध्ययन, आपूर्ति श्रृंखला की दक्षता बढ़ाने और तकनीकी नवाचारों पर केंद्रित हैं। उन्होंने भारतीय वायु सेना की परिचालन तत्परता में महत्वपूर्ण योगदान और आत्मनिर्भर भारत के राष्ट्रीय दृष्टिकोण के साथ तालमेल के लिए रखरखाव कमान के कर्मियों की सराहना की।
इस दौरान एयर चीफ मार्शल ने भारतीय वायुसेना के संचालन को बनाए रखने में रखरखाव कमान की महत्वपूर्ण भूमिका पर बात की। उन्होंने सभी अधिकारियों और कर्मियों से प्रोफेशनलिज्म, सेफ्टी और एफिशिएंसी के उच्च मानकों के लिए प्रयासरत रहने का आह्वान किया।