क्या इटावा में कथावाचक के साथ बर्बरता पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान?

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क्या इटावा में कथावाचक के साथ बर्बरता पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान?

सारांश

इटावा में एक धार्मिक कथावाचक को जाति के कारण बर्बरता का सामना करना पड़ा। एनएचआरसी ने शख्त कार्रवाई की मांग की है, जिससे यह मामला सामाजिक सौहार्द पर गहरा असर डाल सकता है। जानिए इस घटना की पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • इटावा में कथावाचक के साथ बर्बरता
  • राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का संज्ञान
  • पुलिस द्वारा सख्त कार्रवाई
  • सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो
  • जातिवाद के खिलाफ एकजुटता की आवश्यकता

नई दिल्ली, २४ जून (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के इटावा जिले से एक दिल दहला देने वाला मामला प्रकाश में आया है, जहाँ एक धार्मिक कथावाचक के साथ उसकी पिछड़ी जाति के कारण बर्बरता और अपमानजनक व्यवहार की शिकायत की गई है। इस प्रकरण में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने कड़ा रुख अपनाते हुए उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारियों को नोटिस जारी किया है और विधिसम्मत कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने मंगलवार को सामाजिक मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस घटना की जानकारी साझा की। उन्होंने लिखा, "उत्तर प्रदेश के इटावा में पिछड़ी जाति से होने के कारण धार्मिक कथा वाचक को पीटने, मुंडन करने और महिला के पैरों पर नाक रगड़वाकर पेशाब छिड़कने के वीभत्स कृत्य की शिकायत प्राप्त हुई है। शिकायत के आधार पर राज्य सरकार के अधिकारियों को नोटिस जारी कर विधिसम्मत कार्यवाही करने एवं आयोग को रिपोर्ट प्रेषित करने के निर्देश दिए गए हैं।"

यह घटना बकेवर थाना क्षेत्र के दादरपुर गांव में घटित हुई, जहाँ २१ जून को एक भागवत कथा का आयोजन हुआ था। कार्यक्रम में कथावाचक मुकुट मणि और आचार्य संत सिंह कथा वाचन कर रहे थे। आयोजन के दौरान कुछ ग्रामीणों ने कथावाचकों की जाति को लेकर आपत्ति जताई। आरोप था कि कथावाचकों ने स्वयं को ब्राह्मण बताकर कथा का आयोजन किया, जबकि वे अन्य जाति से थे। इस विवाद ने बढ़ती तूल पकड़ी और कुछ लोगों ने कथावाचकों के साथ मारपीट शुरू कर दी। इतना ही नहीं, उनकी इच्छा के विरुद्ध उनके बाल भी काट दिए गए। इस अमानवीय कृत्य का वीडियो किसी ने बना लिया, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया।

वीडियो के वायरल होने के बाद क्षेत्र में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई। स्थानीय लोगों और धार्मिक संगठनों ने इस घटना की कड़ी निंदा की और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए। सेल ने वायरल वीडियो का संज्ञान लिया और मामले की जांच शुरू की। पीड़ित कथावाचकों की तहरीर पर संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए चार आरोपियों आशीष (२१ वर्ष), उत्तम (१९ वर्ष), प्रथम उर्फ मनु (२४ वर्ष) और निक्की (३० वर्ष) को गिरफ्तार किया। इनमें निक्की पर कथावाचकों के बाल जबरन काटने का मुख्य आरोप है।

एसएसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने सोमवार को बताया कि यह घटना बकेवर थाना क्षेत्र के एक गांव में आयोजित भागवत कथा के दौरान हुई, जहाँ कथावाचक के साथ कथित तौर पर मारपीट, अपमानजनक व्यवहार और उनकी चोटी काटने की घटना हुई। सुबह से ही सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो और शिकायत के आधार पर हमने कार्रवाई शुरू कर दी है। अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) के नेतृत्व में एक जांच टीम गठित की गई है, जो इस मामले की गहन विवेचना कर रही है। पीड़ित की पहचान कर ली गई है और सभी आरोपों की निष्पक्ष जांच की जाएगी।

उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। पुलिस इस मामले में पूरी गंभीरता से काम कर रही है। ऐसी घटनाएं सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाती हैं। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

Point of View

लेकिन यह आवश्यक है कि सख्त कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
NationPress
25/06/2025

Frequently Asked Questions

इस घटना के पीछे क्या कारण था?
यह घटना धार्मिक कथावाचकों की जाति को लेकर विवाद के कारण हुई।
एनएचआरसी ने क्या कदम उठाए हैं?
एनएचआरसी ने उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारियों को नोटिस जारी किया है।
पुलिस ने कितने आरोपियों को गिरफ्तार किया है?
पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
क्या इस मामले में गंभीरता से जांच की जाएगी?
हाँ, अपर पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में एक जांच टीम गठित की गई है।
इस घटना का वीडियो वायरल कैसे हुआ?
किसी ने इस अमानवीय कृत्य का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर साझा किया।