क्या फरीदाबाद में बाढ़ का खतरा है? यमुना किनारे रहने वालों से ऊंचे स्थानों पर जाने की अपील

सारांश
Key Takeaways
- यमुना का जलस्तर बढ़ रहा है, जिससे बाढ़ का खतरा है।
- प्रशासन ने ऊंचे स्थानों पर जाने की अपील की है।
- गलत सूचनाओं पर कड़ी कार्रवाई हो रही है।
- कम्युनिटी सेंटर और स्कूलों में ठहरने की व्यवस्था की गई है।
- हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है।
फरीदाबाद, 1 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। हथिनी कुंड बैराज से 3,25,000 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के पश्चात फरीदाबाद में यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। बाढ़ की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड में है। इस संदर्भ में सोशल मीडिया पर गलत जानकारी फैलाने वालों पर पुलिस की कड़ी नजर है।
बाढ़ से संबंधित पुराने वीडियो इन दिनों वायरल हो रहे हैं। फरीदाबाद के डिप्टी कमिश्नर (डीसी) विक्रम सिंह यादव ने ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है।
डिप्टी कमिश्नर ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि पहाड़ों में लगातार हो रहे वर्षा की वजह से यमुना का जलस्तर बढ़ रहा है, इसी कारण प्रशासन सतर्क है। गलत जानकारी फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।
उन्होंने कहा, "बैराज से छोड़ा गया पानी अगले 24 घंटों में फरीदाबाद पहुंच सकता है, जिससे 2023 जैसी बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। डीसी ने यमुना किनारे के निवासियों से तुरंत अपने घर खाली कर ऊंचे स्थानों पर जाने की अपील की है।"
जिला प्रशासन ने प्रभावित लोगों के लिए कम्युनिटी सेंटर और स्कूलों में ठहरने और भोजन की व्यवस्था की है।
डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि यमुना के किनारे बसे गांव जैसे बसंतपुर, इस्माइलपुर, मंझावली और घरोड़ा में मुनादी कराई जा रही है। पुलिस को इन क्षेत्रों को खाली कराने के आदेश दिए गए हैं ताकि जान-माल का नुकसान न हो।
विक्रम सिंह यादव ने सोशल मीडिया पर बाढ़ से संबंधित गलत जानकारी साझा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है और लोगों से भ्रामक खबरों पर विश्वास नहीं करने का आग्रह किया है।
उन्होंने कहा, "अफवाहें फैलाने से स्थिति और जटिल हो सकती है। प्रशासन ने स्थानीय लोगों की सहायता के लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है, जिससे प्रभावित लोग जिला प्रशासन से संपर्क कर सकते हैं।"
उन्होंने आश्वासन दिया कि प्रशासन पूरी तरह सतर्क है और स्थिति पर नजर रखी जा रही है, ताकि किसी भी आपदा से निपटा जा सके।