क्या फतेहपुर विवाद में सपा सांसद नरेश उत्तम ने भाजपा पर सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने का आरोप लगाया?

सारांश
Key Takeaways
- फतेहपुर में 300 साल पुराने मकबरे की तोड़फोड़ की गई।
- भाजपा कार्यकर्ताओं पर आरोप लगाया गया है।
- सपा सांसद ने सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने का आरोप लगाया।
- पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है।
- स्थानीय मुस्लिम समुदाय में आक्रोश।
नई दिल्ली, 12 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। यूपी के फतेहपुर में एक मकबरे में तोड़फोड़ की घटना के बाद राजनीतिक माहौल गरमाता जा रहा है। समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद नरेश उत्तम पटेल ने इस हमले के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं को दोषी ठहराते हुए कहा कि भाजपा नेताओं ने सांप्रदायिक सौहार्द को बाधित कर एक निंदनीय कार्य किया है।
सपा सांसद नरेश उत्तम पटेल ने मंगलवार को संवाददाताओं से बातचीत के दौरान बताया, "फतेहपुर में 11 अगस्त को 300 साल पुराना मकबरा तोड़ा गया, जो कि सरकारी धरोहर है और एएसआई के अंतर्गत आता है। भाजपा के कार्यकर्ता एवं नेता कुछ असामाजिक तत्वों के साथ मिलकर मकबरे पर चढ़ गए। इसके बाद उन्होंने मजारों को तोड़ा और मकबरे पर झंडा भी फहराया।"
उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा, "प्रदेश में भाजपा लगातार सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने का प्रयास कर रही है। महंगाई, बेरोजगारी और किसानों की फसलों की लूट रोकने में भाजपा असफल रही है, इसलिए वे सांप्रदायिक सौहार्द को बाधित कर रहे हैं। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मामले का संज्ञान लिया है। पुलिस ने भी एफआईआर दर्ज की है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। हमारी मांग है कि मकबरे को सुरक्षित रखा जाए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।"
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने फतेहपुर के मकबरे के स्थान पर जबरदस्ती घुसने और तोड़फोड़ करने के मामले में कार्रवाई की है। यूपी पुलिस ने इस घटना में शामिल 10 नामजद और 150 अज्ञात उपद्रवियों के खिलाफ थाना कोतवाली नगर में मामला दर्ज किया है।
एफआईआर के अनुसार, 11 अगस्त 2025 को सुबह करीब 11 बजे, मंगी मकबरे पर शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस बल तैनात था। इस दौरान मठ मंदिर संरक्षण संघर्ष समिति ने मकबरे को मंदिर बताते हुए वहां पूजा-दर्शन के लिए जुलूस निकालने का ऐलान किया था। जुलूस में शामिल लगभग 150 अज्ञात लोगों ने लाठी, डंडे, और झंडे लेकर मकबरे की बैरिकेडिंग तोड़ दी। पुलिस ने उन्हें रोकने और समझाने की कोशिश की, लेकिन उपद्रवियों ने पुलिसकर्मियों के साथ धक्का-मुक्की की और मकबरे के अंदर बनी मजारों को आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त कर दिया। इस घटना से स्थानीय मुस्लिम समुदाय में आक्रोश फैल गया, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया और सांप्रदायिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई।