क्या आप अपने फेफड़ों को स्वस्थ और मजबूत बनाना चाहते हैं? अपनाएं ये घरेलू उपाय!
Key Takeaways
- फेफड़ों की सेहत के लिए घरेलू उपाय बेहद प्रभावी हैं।
- हल्दी और अदरक के सेवन से बलगम कम होता है।
- तुलसी की भाप लेने से छाती में जकड़न में राहत मिलती है।
- नींबू पानी फेफड़ों को मजबूत बनाने में सहायक है।
- गिलोय और मुलेठी फेफड़ों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं।
नई दिल्ली, २४ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। वर्तमान समय में बढ़ते प्रदूषण, धूल, धुआं और अनियमित जीवनशैली के कारण फेफड़ों पर भारी दबाव पड़ रहा है। आयुर्वेद भी मानता है कि प्राण का मार्ग जितना साफ रहेगा, शरीर उतना ही स्वस्थ रहेगा, इसलिए लंग डिटॉक्स आज की आवश्यकता बन गया है।
सरल शब्दों में कहें तो हमारे फेफड़े हमारे शरीर के ऑक्सीजन प्लांट की तरह कार्य करते हैं। हर मिनट हजारों लीटर हवा को साफ करते हैं। यदि हवा दूषित हो या हम कम पानी पीते हों, स्मोकिंग करते हों या दिनभर बंद कमरों में रहते हों, तो फेफड़ों में कफ, बलगम और टॉक्सिन जमा होने लगते हैं। इसके परिणामस्वरूप सांस लेने में कठिनाई, थकान, बार-बार खांसी और इम्यूनिटी में कमी जैसी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं।
घर के उपायों की बात करें तो सबसे सरल तरीका हल्दी वाला गुनगुना दूध है। हल्दी में करक्यूमिन होता है, जो सूजन और बलगम की समस्या को कम करता है। इसे रात को सोने से पहले पीने से फेफड़ों को आराम मिलता है। इसी तरह, अदरक और शहद का मिश्रण भी प्रभावी होता है। यह बलगम को ढीला करता है और गले में जमा कफ को बाहर निकालने में मदद करता है।
अगर छाती में जकड़न महसूस होती है, तो तुलसी की भाप लेना भी एक अच्छा उपाय है। इसकी सुगंध और गुण तुरंत राहत देते हैं। गुड़ और सौंफ का संयोजन भी पाचन और श्वसन दोनों को हल्का बनाता है, विशेष रूप से उन लोगों के लिए जो कम पानी पीते हैं या लंबे समय तक बैठे रहते हैं।
गिलोय का काढ़ा फेफड़ों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए जाना जाता है, वहीं अजवाइन की भाप कफ को ढीला करती है और साइनस-चेस्ट टाइटनेस में राहत देती है। सुबह खाली पेट नींबू पानी पीना भी फेफड़ों की झिल्ली को मजबूत करने में सहायक होता है, खासकर उन लोगों के लिए जो स्मोकिंग छोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। मुलेठी का चूर्ण भी गले की खराश, खांसी और बार-बार सांस अटकने में फायदेमंद माना जाता है।