क्या 'गणेश हस्त मुद्रा' से तन-मन का संतुलन और आंतरिक शक्ति में वृद्धि संभव है?

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क्या 'गणेश हस्त मुद्रा' से तन-मन का संतुलन और आंतरिक शक्ति में वृद्धि संभव है?

सारांश

क्या आप तनाव और चिंता से परेशान हैं? जानिए कैसे 'गणेश हस्त मुद्रा' आपकी मानसिक स्थिति को संतुलित कर सकती है और आंतरिक शक्ति को बढ़ा सकती है। यह सरल मुद्रा आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकती है।

Key Takeaways

  • गणेश हस्त मुद्रा मानसिक अवरोधों को दूर करती है।
  • यह आत्मविश्वास और साहस में वृद्धि करती है।
  • तनाव और चिंता में राहत मिलती है।
  • हृदय क्षेत्र में ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है।
  • शरीर और मन में संतुलन लाती है।

नई दिल्ली, 20 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। आजकल लोगों को चिंता, तनाव, और आत्मविश्वास की कमी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इसके समाधान के रूप में कई लोग दवाओं या मनोचिकित्सकों की मदद लेते हैं। ऐसे में भारतीय योग पद्धति में गणेश हस्त मुद्रा का अभ्यास करना एक सरल और प्रभावी उपाय है, जो भले ही एक छोटी क्रिया हो, लेकिन इसके लाभ कई गुना हैं।

भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अनुसार, गणेश हस्त मुद्रा मन और शरीर के बीच संतुलन स्थापित करने वाली एक प्रभावशाली मुद्रा है। यह हाथों की एक साधारण मुद्रा है, जो मानसिक अवरोधों को समाप्त कर आत्मविश्वास और आंतरिक शक्ति को तेजी से बढ़ाती है। इसे रोजाना कुछ मिनटों के लिए करने से तनाव, चिंता और नकारात्मकता का प्रभाव कम होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

गणेश मुद्रा हृदय चक्र (अनाहत चक्र) को सक्रिय करती है, जिससे भावनात्मक स्थिरता, साहस, और उत्साह में वृद्धि होती है। यह मुद्रा उन लोगों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है जिनमें निर्णय लेने में हिचकिचाहट या आत्मविश्वास की कमी होती है।

विशेषज्ञ गणेश हस्त मुद्रा करने के लाभों को बताते हैं और इसकी विधि भी साझा करते हैं। इसके लिए एक शांत स्थान पर सीधे बैठें, रीढ़ और गर्दन को सीधा रखें। फिर, दोनों हाथों को छाती के सामने लाएं। बाएं हाथ की मुट्ठी को बंद करें, अंगूठा बाहर की ओर रखें, और दाएं हाथ को बाएं हाथ के ऊपर रखें, फिर उसी तरह मुट्ठी बनाएं। अब दोनों मुट्ठियों को एक साथ मजबूती से पकड़ें, कोहनियों को कंधों के समान ऊंचाई पर रखें। इस मुद्रा में गहरी सांस लें और सांस छोड़ते समय दोनों हाथों को हल्का खींचें। इस स्थिति में 10 से 20 सेकंड तक रुकें, फिर हाथों को ढीला करें। इसे 5 से 9 बार दोहराएं।

यह मुद्रा सभी उम्र के पुरुष और महिलाएं कर सकते हैं। गणेश मुद्रा के नियमित अभ्यास से मानसिक अवरोध दूर होते हैं, आत्मविश्वास और साहस में वृद्धि होती है, और तनाव, डर, और चिंता में तात्कालिक राहत मिलती है। हृदय क्षेत्र में ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है, और शरीर-मन में संतुलन और स्थिरता आती है।

Point of View

बल्कि यह मानसिक स्वास्थ्य को प्रोत्साहित करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। इस समय में जब तनाव और चिंता आम हो गई है, ऐसे में इस सरल मुद्रा का महत्व और भी बढ़ जाता है। यह न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है, बल्कि समाज में सकारात्मकता फैलाने में भी सहायक है।
NationPress
27/11/2025

Frequently Asked Questions

गणेश हस्त मुद्रा करने का सही समय क्या है?
गणेश हस्त मुद्रा किसी भी समय की जा सकती है, लेकिन सुबह का समय सबसे उत्तम होता है।
क्या सभी उम्र के लोग इस मुद्रा का अभ्यास कर सकते हैं?
हाँ, यह मुद्रा सभी उम्र के पुरुष और महिलाएं कर सकते हैं।
क्या गणेश मुद्रा से तनाव कम होता है?
जी हाँ, नियमित अभ्यास से तनाव और चिंता में कमी आती है।
गणेश मुद्रा को कितनी देर तक करना चाहिए?
इस मुद्रा को 10 से 20 सेकंड तक करना चाहिए और इसे 5 से 9 बार दोहराना चाहिए।
क्या इस मुद्रा से आत्मविश्वास बढ़ता है?
बिल्कुल! गणेश मुद्रा से आत्मविश्वास और साहस में वृद्धि होती है।
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