क्या गरीब मुसलमानों को सशक्त बनाने के लिए वक्फ की संपत्ति का सही इस्तेमाल जरूरी है?
सारांश
Key Takeaways
- वक्फ संपत्तियों का सही उपयोग गरीब मुसलमानों के लिए सशक्तिकरण का माध्यम हो सकता है।
- केंद्र सरकार पारदर्शिता के साथ कार्य कर रही है।
- वक्फ संपत्तियों पर रोजगार और शिक्षा के अवसरों का विकास होगा।
- समाज की भलाई के लिए वक्फ संपत्तियों का उपयोग आवश्यक है।
- सही नीतियों के साथ वक्फ संपत्तियों का उपयोग समाज को लाभ पहुंचा सकता है।
ऊधम सिंह नगर, 24 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने कहा कि केंद्र सरकार बहुत ईमानदारी और पारदर्शिता से कार्य कर रही है। देश को विश्व गुरु और गरीब मुसलमानों को सशक्त बनाने के लिए देश की संपत्ति और वक्फ की संपत्ति का सही उपयोग करना अत्यंत आवश्यक है। यदि इसका उचित उपयोग किया जाएगा, तो मुसलमान समुदाय अपने पैरों पर खड़ा हो सकेगा।
शादाब शम्स ने कहा कि अब वक्फ की संपत्ति के माध्यम से गरीब और बेघर मुसलमानों को अच्छी आवास व्यवस्था उपलब्ध होगी। इसके अतिरिक्त, इन संपत्तियों पर बेरोजगारों के लिए रोजगार के अवसर भी उपलब्ध कराए जाएंगे। उनका मानना है कि आने वाला समय गरीब मुसलमानों के लिए बहुत सकारात्मक होगा। इन संपत्तियों पर अच्छे अस्पताल और बच्चों के लिए अच्छे स्कूल खोले जाएंगे, जिससे मुसलमानों के साथ-साथ पूरे समाज को लाभ मिलेगा।
उन्होंने स्पष्ट कहा कि अल्लाह द्वारा दी गई संपत्ति का सही हिसाब रखना अनिवार्य है। जो लोग इसमें लूट या गलत तरीके से कब्जा करेंगे, उनका परिणाम बुरा होगा।
शादाब शम्स ने उम्मीद पोर्टल के संबंध में कहा कि लोग इस पोर्टल पर खुद को रजिस्टर करवा रहे हैं और जो लोग अभी तक रजिस्टर नहीं हुए हैं, उनसे अनुरोध है कि वे अपनी संपत्ति रजिस्टर कराएं। लेकिन, जो लोग जानबूझकर अपनी संपत्ति रजिस्टर नहीं करवाएंगे, उन्हें वक्फ माफिया का हिस्सा माना जाएगा। यह एक स्पष्ट चेतावनी है कि जो लोग वक्फ की संपत्ति का गलत इस्तेमाल करना चाहते हैं या अवैध कब्जा कर चुके हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने जोर देकर कहा कि यह कोई मजाक नहीं है और वक्फ माफिया को कोई छूट नहीं दी जाएगी। शादाब शम्स ने स्पष्ट किया कि धामी सरकार इस मामले में पूरी तरह सख्त है और धारा के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि लोग प्यार से नियम मान लें, नहीं तो कानून सख्ती से अपना काम करेगा।
उन्होंने आशा व्यक्त की कि आने वाला समय गरीब और वक्फ से जुड़े मुसलमानों के लिए बहुत सकारात्मक होगा। उनका मानना है कि सही नीतियों और पारदर्शिता के साथ वक्फ संपत्तियों का उपयोग करने से मुसलमानों का भला होगा और पूरे समाज को इसका लाभ मिलेगा।
उन्होंने कहा कि वक्फ की संपत्ति केवल मुसलमानों के लिए नहीं, बल्कि पूरे समाज की भलाई के लिए है और इसके गलत इस्तेमाल को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।