क्या सेबी से मिली क्लीन चिट से गौतम अदाणी का कहना है कि 'जो लोग झूठ फैलाते हैं, उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए'?

सारांश
Key Takeaways
- सेबी ने अदाणी ग्रुप के खिलाफ कार्रवाई समाप्त की।
- हिंडनबर्ग के आरोप निराधार पाए गए।
- गौतम अदाणी ने पारदर्शिता और ईमानदारी पर जोर दिया।
- जो लोग झूठ फैलाते हैं, उन्हें माफी मांगनी चाहिए।
- भारत की संस्थाओं के प्रति अदाणी की प्रतिबद्धता अटूट है।
अहमदाबाद, 18 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने गुरुवार को कहा कि सेबी के आदेशों ने यह साबित कर दिया है कि हिंडनबर्ग द्वारा ग्रुप पर लगाए गए आरोप पूरी तरह से निराधार थे।
गुरुवार को दो अलग-अलग आदेशों में कैपिटल मार्केट रेगुलेटर ने हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों से संबंधित मामलों में अदाणी ग्रुप की कंपनियों और उसके वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई को समाप्त कर दिया।
गौतम अदाणी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए कहा, "व्यापक जांच के बाद सेबी ने यह पुष्टि की है कि हिंडनबर्ग के दावे निराधार थे। पारदर्शिता और ईमानदारी हमेशा से अदाणी ग्रुप की पहचान रही है।"
उन्होंने कहा, "हम उन निवेशकों के दर्द को गहराई से महसूस करते हैं, जिन्हें इस धोखाधड़ी और जानबूझकर बनाई गई रिपोर्ट के कारण नुकसान हुआ। जो लोग झूठी बातें फैलाते हैं, उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए।"
गौतम अदाणी ने आगे कहा, "भारत की संस्थाओं, भारत के लोगों और देश के निर्माण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता अटूट है। सत्यमेव जयते! जय हिंद!"
कैपिटल मार्केट रेगुलेटर ने कहा कि विस्तृत जांच में लिस्टेड कंपनियों और व्यक्तियों द्वारा संबंधित पक्ष लेनदेन (आरपीटी) के संबंध में कोई उल्लंघन नहीं पाया गया, इसलिए बिना किसी निर्देश के कार्रवाई समाप्त कर दी गई।
सेबी के पूर्णकालिक सदस्य कमलेश सी. वार्ष्णेय ने दोनों फाइलिंग में कहा, "मामले की समग्र रूप से समीक्षा करने के बाद मुझे लगता है कि नोटिस प्राप्त करने वालों के खिलाफ एससीएन में लगाए गए आरोप साबित नहीं हुए हैं। उपरोक्त को ध्यान में रखते हुए नोटिस प्राप्त करने वालों पर किसी भी दायित्व का प्रश्न नहीं उठता, और इसलिए जुर्माने की राशि तय करने का भी कोई प्रश्न नहीं उठता। मैं नोटिस प्राप्त करने वालों के खिलाफ इस कार्रवाई को बिना किसी निर्देश के समाप्त करता हूं।"