क्या गौतमबुद्ध नगर में त्योहारों के दौरान 18 से 23 अक्टूबर तक धारा 163 लागू है?

सारांश
Key Takeaways
- धारा 163 का लागू होना कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक है।
- बिना अनुमति के पांच या अधिक लोगों का समूह बनाना प्रतिबंधित है।
- सरकारी कार्यालयों के एक किलोमीटर के दायरे में ड्रोन का उपयोग वर्जित है।
- रात्रि 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर का उपयोग प्रतिबंधित है।
- सार्वजनिक स्थानों पर धार्मिक आयोजन के लिए अनुमति आवश्यक है।
नोएडा, 18 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। आगामी त्योहारों के मद्देनजर, गौतमबुद्ध नगर जिले में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कमिश्नरेट द्वारा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। यह आदेश 18 से 23 अक्टूबर तक प्रभावी रहेगा। इस अवधि में धनतेरस, छोटी दीपावली, दीपावली, गोवर्धन पूजा और भाई दूज जैसे प्रमुख त्योहार मनाए जाएंगे, साथ ही विभिन्न संगठनों द्वारा संभावित धरना-प्रदर्शन और अन्य सार्वजनिक कार्यक्रमों की भी आशंका है।
पुलिस प्रशासन ने आशंका व्यक्त की है कि कुछ असामाजिक तत्व इन अवसरों पर शांति व्यवस्था को भंग करने का प्रयास कर सकते हैं। ऐसे में एकपक्षीय रूप से जारी आदेश में कुछ महत्वपूर्ण प्रतिबंध लागू किए गए हैं। आदेश के अनुसार, बिना अनुमति के पांच या अधिक लोगों का किसी भी प्रकार का जुलूस या सार्वजनिक समूह बनाना प्रतिबंधित रहेगा।
सरकारी कार्यालयों के एक किलोमीटर के दायरे में ड्रोन कैमरों से शूटिंग पूरी तरह से वर्जित होगी। अन्य स्थानों पर भी ड्रोन का उपयोग केवल पुलिस आयुक्त की अनुमति से ही संभव होगा। रात्रि 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर के उपयोग पर प्रतिबंध रहेगा। ध्वनि की अधिकतम सीमा न्यायालय द्वारा निर्धारित डेसीबल मानकों के अनुसार रखी जाएगी।
एनसीआर क्षेत्र में 18 से 20 अक्टूबर तक हरित पटाखों की बिक्री और ई-कॉमर्स के माध्यम से आपूर्ति भी प्रतिबंधित रहेगी। पटाखे केवल निर्धारित दो समयावधियों (सुबह 8 से शाम 7 बजे तक एवं रात 8 से 10 बजे तक) ही चलाए जा सकेंगे। सार्वजनिक स्थानों एवं सड़कों पर नमाज, पूजा या धार्मिक आयोजन बिना अनुमति किए नहीं जा सकेंगे। कोई भी व्यक्ति विवादित स्थलों पर पूजा-अर्चना या धार्मिक गतिविधियों का प्रयास नहीं करेगा।
धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकर केवल परिसर तक सीमित रहेंगे। लाठी, डंडा, तलवार, चाकू जैसे धारदार हथियार या ज्वलनशील पदार्थ लेकर चलना प्रतिबंधित रहेगा, केवल दिव्यांगों की छड़ी और सिखों की कृपाण को छूट दी गई है। सार्वजनिक स्थानों पर शराब या नशीले पदार्थों का सेवन नहीं किया जा सकेगा। आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि इसका उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता-2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध माना जाएगा।