क्या गयाजी में विश्वप्रसिद्ध पितृपक्ष मेले का शुभारंभ हो गया?

सारांश
Key Takeaways
- गयाजी में पितृ पक्ष मेला 15 दिनों तक चलता है।
- यह मेला पितरों की मोक्ष प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण है।
- श्रद्धालुओं के लिए विशेष सुविधाएँ उपलब्ध हैं।
- पितृ पक्ष में लाखों लोग गयाजी आते हैं।
- गयाजी में पिंडदान पूरे वर्ष किया जा सकता है।
गयाजी, 6 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के गयाजी, जो मोक्ष की भूमि के रूप में प्रसिद्ध है, में 2025 का विश्व प्रसिद्ध पितृ पक्ष मेला शनिवार को वैदिक मंत्रोच्चारण और दीप प्रज्वलन के साथ आरंभ हुआ।
इस मेले का उद्घाटन जिला प्रभारी मंत्री सुनील कुमार, सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेम कुमार और मंत्री संजय सरावगी ने मिलकर दीप प्रज्वलित करके किया। इस अवसर पर गया पाल पंडा समाज और कई समाजसेवी भी मौजूद थे। यह मेला 21 सितंबर तक चलेगा।
पितृपक्ष में देश-विदेश से हजारों पिंडदानी अपने पूर्वजों की मोक्ष प्राप्ति के लिए गयाजी आते हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए जिला प्रशासन और पर्यटन विभाग ने व्यापक तैयारियाँ की हैं। हर वर्ष पितृपक्ष के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु सनातन धर्म की परंपराओं के अनुसार अपने पितरों के मोक्ष और शांति के लिए पिंडदान करने के लिए गयाजी आते हैं। यहाँ विष्णुपद मंदिर, फल्गु नदी, अक्षय वट और अन्य कई पवित्र स्थलों पर पूजा-अर्चना की जाती है।
मान्यता है कि मृत्यु के बाद मानव की आत्मा इस भौतिक जगत में विचरण करती रहती है। जब परिवार पिंडदान करता है, तो आत्मा को इस लोक से मुक्ति मिलती है। गयाजी में पिंडदान पूरे वर्ष कभी भी किया जा सकता है, लेकिन विशेष रूप से 15 दिवसीय पितृपक्ष पर्व या किसी भी मास के कृष्ण पक्ष के अंतिम, पांचवें, तीसरे या एकादशी के दिन पिंडदान करना अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है।
पितृपक्ष मेले के दौरान, देश और दुनिया के विभिन्न स्थानों से लाखों श्रद्धालु गयाजी में पिंडदान के लिए आते हैं। वर्तमान में मुख्यतः विष्णुपद मंदिर, अक्षय वट, फल्गु नदी, पुनपुन नदी, रामशिला, प्रेतशिला, ब्रह्मयोनि पहाड़ी, डाकबंगला परिसर आदि स्थानों पर पिंडदान होता है। पर्यटन विभाग ने यात्रियों के आवास के लिए गयाजी शहर के गांधी मैदान में 2500 बेड की टेंट सिटी का निर्माण किया है, जिसमें सभी मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध हैं।
गयाजी रेलवे स्टेशन पर पर्यटक सहायता केंद्र का निर्माण किया गया है, और वहाँ पर पर्यटन सूचना केंद्र स्थायी रूप से कार्यरत है। पर्यटन विभाग ने पटना के पुनपुन में भी एक सूचना केंद्र की स्थापना की है ताकि पिंडदान और तर्पण के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। पुनपुन में पिंडदान और तर्पण की महिमा को लेजर शो के माध्यम से भी दर्शाया जाएगा। बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम ने पितृपक्ष को लेकर विशेष पैकेज की घोषणा की है, जिसमें देशभर के लोग रुचि दिखा रहे हैं। अब तक 15 यात्रियों ने पितृपक्ष पैकेज की बुकिंग कर ली है, और लगातार बुकिंग हो रही है।