क्या गाजियाबाद में 99 लाख रुपए के बैंक लोन घोटाले में दोषी शख्स को 3 साल से ज्यादा की सजा मिली?
सारांश
Key Takeaways
- कपिल कुमार को 99 लाख रुपए के लोन फ्रॉड में दोषी ठहराया गया है।
- सीबीआई ने 2017 में यह मामला दर्ज किया था।
- अदालत ने 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया।
- कपिल ने जाली दस्तावेजों के माध्यम से लोन लिया था।
- इस मामले ने वित्तीय अपराधों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की आवश्यकता को उजागर किया है।
नई दिल्ली, 21 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। गाजियाबाद में सीबीआई की विशेष अदालत ने शुक्रवार को 99 लाख रुपए के बैंक लोन फ्रॉड मामले में दोषी कपिल कुमार को 3 साल 7 महीने 10 दिन की सजा सुनाई। अदालत ने उसे 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया।
यह मामला सीबीआई द्वारा 13 सितंबर 2017 को दर्ज किया गया था। जांच के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि कपिल कुमार ने एक अन्य व्यक्ति के साथ मिलकर अधूरे और गलत दस्तावेजों के आधार पर अपने नाम पर 99 लाख रुपए का लोन स्वीकृत करवाया।
कपिल की पत्नी और साथी मनीषा देवी पर जाली दस्तावेजों के माध्यम से प्लॉट की खरीद और बैंक खाते से अवैध रूप से 10-10 लाख रुपए की दो बार निकासी का आरोप लगा है। जांच में यह भी सामने आया कि कुल 96 लाख रुपए निकाल लिए गए और लोन की राशि का दुरुपयोग किया गया, जो बैंक लोन की शर्तों के खिलाफ था।
सीबीआई ने 23 दिसंबर 2021 को चार्जशीट दाखिल की, जिसमें कपिल के अलावा अन्य सरकारी और निजी व्यक्तियों को भी आरोपी बनाया गया। अदालत ने 18 जुलाई 2025 को कपिल के खिलाफ आरोप तय किए। इसके बाद 12 नवंबर 2025 को कपिल ने अदालत में अपना अपराध स्वीकार करते हुए 'प्लीड गिल्टी' की अर्जी दाखिल की थी।
शुक्रवार को अदालत ने इस 'प्लीड गिल्टी' अर्जी को स्वीकार करते हुए कपिल कुमार को दोषी ठहराया और संबंधित धाराओं में सजा सुनाई। अदालत के अनुसार, कपिल ने केनरा बैंक (पूर्व में सिंडिकेट बैंक), गाजियाबाद को नुकसान पहुंचाया था।