क्या गाजीपुर में गंगा के उफान ने मचाई तबाही?

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क्या गाजीपुर में गंगा के उफान ने मचाई तबाही?

सारांश

गाजीपुर में गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ का संकट गहरा गया है। श्मशान घाट पूरी तरह से डूब चुके हैं, जिससे अंत्येष्टि के लिए लोग सड़कों का सहारा ले रहे हैं। क्या प्रशासन इस स्थिति को नियंत्रित कर पाएगा?

Key Takeaways

  • गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर।
  • 60 गांवों का जनजीवन प्रभावित।
  • श्मशान घाट डूबे, अंत्येष्टि के लिए सड़कों पर लोग।
  • बुनियादी सुविधाओं का अभाव।
  • प्रशासन की कार्रवाई नाकाफी।

गाजीपुर, 5 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से एक मीटर से अधिक ऊंचाई पर पहुंच गया है, जिससे जिले की पांच तहसीलों के लगभग 60 गांवों का जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित हो गया है।

बाढ़ का पानी केवल गांवों तक ही सीमित नहीं रहा है, बल्कि श्मशान घाटों को भी अपनी चपेट में ले लिया है। गाजीपुर के श्मशान घाट पूरी तरह से पानी में डूब चुके हैं, जिसके कारण अंत्येष्टि के लिए लोग सड़कों और रिहायशी इलाकों का सहारा ले रहे हैं। इससे लोगों को गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

गाजीपुर के साथ-साथ मऊ, बलिया और आजमगढ़ से रोजाना शव अंत्येष्टि के लिए लाए जाते हैं। हर दिन 15 से 20 शवों का अंतिम संस्कार किया जाता है, लेकिन अब यह प्रक्रिया सड़कों और रिहायशी क्षेत्रों में हो रही है। सड़कों पर जल रही चिताओं से उठने वाला धुआं स्थानीय लोगों के लिए परेशानी का कारण बन गया है।

इसके अलावा बुनियादी सुविधाओं का भी भारी अभाव है। लोगों का कहना है कि वे दूर-दराज से आते हैं और अंत्येष्टि के लिए दो से तीन घंटे इंतजार करना पड़ता है। इस दौरान उन्हें बैठने की कोई उचित व्यवस्था नहीं मिल रही। कई यात्रियों ने जिला प्रशासन और नगर पालिका पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि गंगा का जलस्तर बढ़ने के बावजूद श्मशान घाट पर कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है।

इस मामले पर नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी धीरेंद्र कुमार राय ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल के लिए टैंकर लगाए गए हैं। सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं और ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव कराया जा रहा है ताकि संक्रमण का खतरा न हो।

श्मशान घाट की समस्या पर उन्होंने कहा कि चिताओं की राख को नष्ट करने का कार्य भी नगर पालिका द्वारा किया जाएगा।

लोग प्रशासन की कोशिशों को नाकाफी मान रहे हैं। बाढ़ का यह कहर न केवल लोगों के दैनिक जीवन को प्रभावित कर रहा है, बल्कि मृतकों की अंतिम विदाई को भी कठिन बना रहा है। जिला प्रशासन से मांग की जा रही है कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए तत्काल प्रभावी कदम उठाए जाएं।

Point of View

यह स्पष्ट है कि बाढ़ की स्थिति ने गाजीपुर के निवासियों के जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। प्रशासन को तत्काल प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है। जनहित में यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि लोगों की समस्याओं का समाधान किया जाए और बुनियादी सुविधाओं को बहाल किया जाए।
NationPress
05/08/2025

Frequently Asked Questions

गाजीपुर में बाढ़ की स्थिति क्या है?
गाजीपुर में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर जा चुका है, जिससे बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुई है।
श्मशान घाटों की स्थिति क्या है?
श्मशान घाट पूरी तरह से डूब चुके हैं, जिससे अंत्येष्टि के लिए लोग सड़कों का सहारा ले रहे हैं।
प्रशासन इस समस्या को कैसे संभाल रहा है?
प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में टैंकरों द्वारा पेयजल और सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने की कोशिश की है।