क्या गाजीपुर में किसानों को जागरूक करने के लिए कार्यक्रम आयोजित किया गया?

Click to start listening
क्या गाजीपुर में किसानों को जागरूक करने के लिए कार्यक्रम आयोजित किया गया?

सारांश

गाजीपुर में कृषि विभाग ने किसानों को मिट्टी परीक्षण के महत्व से अवगत कराने के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में वैज्ञानिक खेती के फायदों पर चर्चा की गई। किसानों को बताया गया कि मिट्टी परीक्षण से फसलों की पैदावार बढ़ाई जा सकती है।

Key Takeaways

  • मिट्टी परीक्षण
  • किसान रासायनिक उर्वरकों का सही उपयोग कर सकेंगे।
  • मिट्टी की सेहत बनाए रखने में सहायता मिलेगी।
  • कृषि वैज्ञानिकों द्वारा दी गई जानकारी महत्वपूर्ण है।
  • कार्यक्रम में किसानों की भागीदारी सराहनीय रही।

गाजीपुर, 20 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में कृषि विभाग द्वारा किसानों को वैज्ञानिक खेती के प्रति जागरूक करने के लिए एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य यह समझाना था कि खेतों में बुवाई से पहले मिट्टी का परीक्षण करना कितना आवश्यक है। मिट्टी के परीक्षण से यह स्पष्ट हो जाता है कि भूमि में कौन-कौन से पोषक तत्वों की कमी है और फसल के लिए किन तत्वों की आवश्यकता होगी। इससे किसान अपनी खेती को अधिक लाभदायक बना सकते हैं।

कृषि विभाग की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को मिट्टी परीक्षण की प्रक्रिया, उसके महत्व और लाभों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। किसानों को बताया गया कि मिट्टी का स्वाइल हेल्थ सुधारकर फसल की उत्पादकता में उल्लेखनीय वृद्धि की जा सकती है।

कार्यक्रम में शामिल वाराणसी के सहायक निदेशक (मृदा परीक्षण) राजेश कुमार राय ने बताया कि शासन से खरीफ और रबी दोनों सीजन के लिए मिट्टी परीक्षण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा कि खरीफ की बुवाई से पहले 22,000 खेतों से मिट्टी के नमूने लिए गए थे। नमूनों की जांच के बाद किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किए गए। अब रबी फसलों के लिए 9,600 मृदा परीक्षण का लक्ष्य दिया गया है।

उन्होंने बताया कि प्रत्येक ब्लॉक से 20 ग्राम पंचायतों का चयन किया गया है और प्रत्येक पंचायत से सौ-सौ जोतों के नमूने लेकर मिट्टी परीक्षण कराया जाएगा।

राजेश कुमार राय ने कहा कि कई किसान बिना मिट्टी की जरूरत जाने ही अधिक मात्रा में रासायनिक उर्वरक का उपयोग करते हैं, जिससे खेती की लागत बढ़ जाती है, मिट्टी की उर्वरता कम होती जाती है और फसल की गुणवत्ता पर असर पड़ता है।

उन्होंने कहा कि अगर किसान मिट्टी परीक्षण करा लें तो उन्हें यह आसानी से पता चल जाएगा कि उनकी मिट्टी में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाश या अन्य पोषक तत्वों की कितनी कमी है।

इससे किसान कम खर्च में अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकेंगे और मिट्टी की सेहत भी बनी रहेगी।

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में किसान शामिल हुए और उन्होंने मृदा परीक्षण से जुड़े सवाल भी पूछे। कृषि विभाग के विशेषज्ञों ने उन्हें आश्वस्त किया कि वैज्ञानिक पद्धति अपनाकर वे अपनी खेती की उत्पादकता में बड़े स्तर पर सुधार कर सकते हैं।

Point of View

जो उन्हें उनकी खेती को सुधारने और अधिक लाभदायक बनाने की दिशा में मार्गदर्शन कर रहा है। कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि मिट्टी परीक्षण से किसानों को अपनी फसल के लिए आवश्यक पोषक तत्वों की जानकारी मिलेगी, जिससे वे अधिक प्रभावी ढंग से खेती कर सकेंगे।
NationPress
27/11/2025

Frequently Asked Questions

मिट्टी परीक्षण क्या है?
मिट्टी परीक्षण एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है, जिसमें मिट्टी के नमूनों का विश्लेषण किया जाता है ताकि यह जाना जा सके कि उसमें कौन से पोषक तत्वों की कमी है।
किसान मिट्टी परीक्षण क्यों करें?
मिट्टी परीक्षण से किसान जान सकते हैं कि उनकी मिट्टी में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाश आदि की कितनी मात्रा है, जिससे वे सही उर्वरक का उपयोग कर सकें।
मिट्टी परीक्षण का लाभ क्या है?
मिट्टी परीक्षण से किसान अपनी फसल की उत्पादकता बढ़ा सकते हैं और रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को कम कर सकते हैं।
Nation Press