क्या विपक्ष घुसपैठियों को भारत का नागरिक बनाना चाहता है? एसआईआर विवाद पर एसपी सिंह बघेल का जवाब
सारांश
Key Takeaways
- एसपी सिंह बघेल ने विपक्ष के आरोपों का तीखा जवाब दिया।
- बिहार चुनाव के नतीजे एसआईआर के पक्ष में हैं।
- विपक्ष घुसपैठियों को नागरिकता देने की कोशिश कर रहा है।
नई दिल्ली, 21 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल ने एसआईआर पर टिप्पणी करते हुए कहा कि बिहार चुनाव के परिणामों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जनता एसआईआर के समर्थन में है। इस अवसर पर उन्होंने विपक्षी दलों के आरोपों का भी जोरदार जवाब दिया।
एसपी सिंह बघेल ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "विपक्ष के नेता 2019 और 2024 के आम चुनाव में संविधान को खतरे में बता रहे थे। अभी एसआईआर के मुद्दे पर भ्रामक प्रचार किया गया।"
उन्होंने आगे कहा कि बिहार में एनडीए को शानदार जनादेश मिला है। इससे विपक्ष को सीख लेनी चाहिए कि अब एसआईआर को लेकर मतदाताओं और जनता ने उनके आरोपों को नकार दिया है।
अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों के मुद्दे पर विपक्ष को घेरते हुए एसपी सिंह बघेल ने कहा, "मुसलमान वोटों के ध्रुवीकरण और तुष्टिकरण के लिए काम हो रहा है। इस बार विपक्ष ने ईवीएम को दोष नहीं दिया, लेकिन एसआईआर और चुनाव आयोग को निशाना बनाया।"
केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि चुनाव आयोग एक संस्था है और उसके अपने अधिकार हैं, लेकिन वह भी अपने संवैधानिक अधिकारों से ऊपर नहीं जा सकता। चुनाव आयोग संविधान के तहत मिले अधिकारों का पालन करता है। जब वह नियमों का सख्ती से पालन करता है, तो कुछ राजनीतिक दलों के नेताओं को परेशानी होती है।
उन्होंने कहा, "ये लोग (विपक्ष) विदेशी घुसपैठियों को भारत का मतदाता बनाना और उन्हें नागरिकता दिलाना चाहते हैं। इससे देश की आंतरिक सुरक्षा को खतरा होगा और सामाजिक सद्भाव बिगड़ेगा, चुनाव भी स्वतंत्र और निष्पक्ष नहीं होंगे।"
एसपी सिंह बघेल ने कहा कि जो लोग भारतीय नहीं हैं और भारतीय नागरिकता का प्रमाण नहीं दे पा रहे हैं, वे घुसपैठिए हैं, लेकिन विपक्ष उनका समर्थन कर रहा है।
भाजपा नेता और बिहार के मंत्री नितिन नबीन ने एसआईआर का विरोध करने वाली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "ममता बनर्जी अराजकता का प्रतीक हैं। वे कभी भी संवैधानिक चीजों को सही नहीं मानती हैं। अराजकतावादी सोच के कारण ही ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल को हाशिए पर पहुंचा दिया है। लेकिन निश्चित रूप से इस चुनाव में ममता बनर्जी की जमीन खिसक जाएगी।"