क्या बीडीओ की प्रताड़ना से तंग आकर पंचायत सेवक ने ऑफिस में जहर खाया?

सारांश
Key Takeaways
- पंचायत सेवक की आत्महत्या ने प्रशासनिक मुद्दों को उजागर किया।
- सरकार ने जांच के लिए समिति बनाई है।
- बीडीओ और मुखिया पर प्रताड़ना का आरोप गंभीर है।
- विधायकों ने तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
- भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने की जरूरत है।
गिरिडीह, 15 जून (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के गिरिडीह जिले के डुमरी प्रखंड के B.D.O, मुखिया (ग्राम प्रधान) के पति और अन्य तीन लोगों पर प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए प्रखंड कार्यालय परिसर में जहर खाने वाले पंचायत सेवक ने इलाज के दौरान रविवार को दम तोड़ दिया।
मृतक पंचायत सेवक का नाम सुखलाल महतो है, जिन्हें शनिवार को गंभीर स्थिति में इलाज के लिए रांची के रिम्स में भर्ती कराया गया था। इस मामले को राज्य सरकार ने गंभीरता से लिया है। सरकार के निर्देश पर गिरिडीह के उपायुक्त रामनिवास यादव ने जांच के लिए एक समिति का गठन किया है। गिरिडीह के सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी और डुमरी विधानसभा क्षेत्र के विधायक जयराम कुमार महतो ने दोषियों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
सुखलाल महतो डुमरी प्रखंड के बलथरिया गांव के पंचायत सेवक थे। उन्होंने बीडीओ अन्वेषा ओना, बलथरिया पंचायत के मुखिया के पति परमेश्वर नायक और रोजगार सेवक अनिल कुमार पर मानसिक रूप से प्रताड़ित होने का आरोप लगाते हुए विधायक को पत्र लिखा था। इसके बाद उन्होंने शुक्रवार को कार्यालय परिसर में कीटनाशक का सेवन किया। उन्हें गंभीर हालत में पहले धनबाद मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां से रिम्स रांची के लिए रेफर किया गया, जहां उनकी मौत हो गई।
इस घटना की जानकारी मिलते ही विधायक जयराम महतो ने 14 जून को राज्य की ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय सिंह को पत्र लिखकर मामले की जांच की मांग की। उन्होंने सोशल मीडिया पर इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
जयराम महतो ने कहा कि पंचायत सेवक सुखलाल महतो भ्रष्ट व्यवस्था के शिकार बने हैं। उन्होंने सभी दोषियों की पहचान कर उनके खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी ने इसे गंभीर मामला बताते हुए सरकार से त्वरित कार्रवाई की अपील की है। उपायुक्त रामनिवास यादव द्वारा गठित समिति में अपर समाहर्ता विजय सिंह बिरुआ, सरिया बगोदर के एसडीएम संतोष कुमार गुप्ता, मुख्यालय डीएसपी नीरज कुमार सिंह और डॉ. रवि महर्षि शामिल हैं।