क्या गोवा रेस्टोरेंट अग्निकांड में गौरव और सौरभ लूथरा को बड़ा झटका मिला?
सारांश
Key Takeaways
- गोवा रेस्टोरेंट अग्निकांड की गंभीरता को समझें।
- रेस्टोरेंट संचालकों को सुरक्षा मानकों का पालन करना चाहिए।
- पुलिस की जांच में सहयोग करना आवश्यक है।
- आग लगने की घटनाएं गंभीर परिणाम ला सकती हैं।
- लाइसेंस और अनुमतियों का ध्यान रखना अनिवार्य है।
नई दिल्ली, 11 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। गोवा के ‘बिर्च बाय रोमियो लेन’ रेस्टोरेंट में हुई अग्निकांड की घटना में रेस्टोरेंट मालिकों को गुरुवार को एक बड़ा झटका लगा। दिल्ली की रोहिणी कोर्ट ने रेस्टोरेंट के मालिक गौरव लूथरा और सौरभ लूथरा की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है।
सुनवाई के दौरान, गोवा पुलिस ने अदालत में दोनों आरोपियों की जमानत का कड़ा विरोध किया। पुलिस का कहना था कि गौरव और सौरभ लूथरा जानबूझकर जांच से बचने के लिए देश से बाहर चले गए हैं। पुलिस ने अदालत को बताया कि इस अग्निकांड से कई लोगों की जान को खतरा हुआ था और इस मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपियों का जांच में शामिल होना आवश्यक है। पुलिस की दलील और मामले की गंभीरता को देखते हुए, रोहिणी कोर्ट ने रेस्टोरेंट मालिकों की अग्रिम जमानत को स्वीकार करने से इनकार कर दिया।
गोवा पुलिस के वकील अभिनव मुखर्जी ने सुनवाई के दौरान कई सबूत पेश किए। उन्होंने बताया कि रेस्टोरेंट संचालन के लिए आवश्यक लाइसेंस पहले ही एक्सपायर हो चुके थे और इन्हें रिन्यू नहीं कराया गया। जीएसटी रजिस्ट्रेशन में गौरव लूथरा, सौरभ लूथरा और अजय गुप्ता को पार्टनर के रूप में दिखाया गया है। एफएसएसएआई और पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के लाइसेंस के लिए भी सौरभ लूथरा ने ही आवेदन किया था। अर्थात्, दोनों भाई रेस्टोरेंट के संचालन में पूरी तरह से शामिल थे।
पुलिस ने कोर्ट को यह भी बताया कि आग लगने की घटना के तुरंत बाद दोनों भाइयों ने देश से भागने की योजना बनाई। रात 1.15 बजे थाईलैंड की फ्लाइट बुक की गई और 7 दिसंबर की सुबह पांच बजे वे उड़ान भरकर बैंकॉक चले गए। इसके बाद जब पुलिस उनके घर पहुंची, तो उनकी मां और पत्नी ने बताया कि उन्हें नहीं पता कि वे कहां हैं और यहां तक कि फोन नंबर भी देने से इनकार कर दिया। पुलिस का दावा है कि थाईलैंड में उनका कोई बिजनेस नहीं है। दोनों भाई जांच और गिरफ्तारी से बचने के लिए वहां गए हैं। इसके बाद नॉन-बेलेबल वारंट जारी हुआ, एलओसी खोला गया और 9 दिसंबर को ब्लू कॉर्नर नोटिस भी जारी कर दिया गया।
गोवा पुलिस ने यह भी कहा कि रेस्टोरेंट में केवल एक संकरा रास्ता था, जिससे बाहर निकलना मुश्किल था। फायर डिपार्टमेंट की एनओसी भी नहीं थी, फिर भी फायर शो आयोजित किया गया। पुलिस ने आरोपियों की मेडिकल हिस्ट्री को भी फर्जी बताया। उनका कहना था कि अगर ये लोग सचमुच 6 दिसंबर को थाईलैंड गए होते और उसके बाद घटना होती तो बात अलग होती, लेकिन ये भागे हैं।