क्या गूगल मैप पर दिखेगी सड़कों की स्पीड लिमिट और हादसों में आएगी कमी?
सारांश
Key Takeaways
- गूगल मैप पर स्पीड लिमिट लाइव दिखाई देगी।
- एक्सीडेंट प्रोन जोन के लिए अलर्ट जारी होंगे।
- यह पहल सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
- गौतमबुद्ध नगर में यह एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया है।
- पुलिस का लक्ष्य सड़क हादसों में 50% कमी लाना है।
नोएडा, 12 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश में सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में एक नई तकनीकी पहल का आगाज किया गया है। गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट ने गूगल इंडिया और लेप्टिन सॉफ्टवेयर के सहयोग से 'विजन सेफ रोड: एन एक्स्ट्रा माइल फॉर एक्सीडेंट मिटिगेशन' कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस परियोजना का उद्घाटन उत्तर प्रदेश पुलिस के महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कृष्ण ने किया।
यह पहल वर्तमान में गौतमबुद्ध नगर में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू की गई है। इस तकनीक के माध्यम से अब गूगल मैप पर सड़कों की स्पीड लिमिट लाइव रूप से दिखाई देगी। जब वाहन चालक नेविगेशन मोड में यात्रा करेंगे, तो उन्हें अपने वाहन की वास्तविक गति के साथ-साथ उस मार्ग की अधिकतम निर्धारित गति सीमा भी देख सकेंगे। इससे चालक यह जान सकेगा कि क्या वह निर्धारित सीमा के भीतर वाहन चला रहा है या नहीं।
साथ ही, एक्सीडेंट प्रोन जोन (जहां हादसों की संभावना अधिक होती है) के लिए गूगल उपयोगकर्ताओं को अलर्ट भी जारी करेगा। पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने कहा कि सड़क हादसों का प्रमुख कारण तेज गति से वाहन चलाना है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक सड़क की स्पीड लिमिट वैज्ञानिक आधार पर निर्धारित की जाती है ताकि दुर्घटनाओं की संभावना न्यूनतम हो सके। इस पहल का उद्देश्य लोगों को गति सीमा के प्रति जागरूक करना और सड़क पर अनुशासन बढ़ाना है।
लक्ष्मी सिंह ने कहा, “अगर चालक नियमों का पालन करें, तो न केवल वे स्वयं सुरक्षित रहेंगे, बल्कि दूसरों की जान भी बचा सकेंगे।”
गूगल इंडिया की इंडिया हेड (स्ट्रेटेजिक प्रोडक्ट पार्टनरशिप) रोली अग्रवाल ने कहा कि गूगल मैप्स का उद्देश्य हमेशा उपयोगकर्ताओं को सुरक्षित और सटीक यात्रा अनुभव देना है। गौतमबुद्ध नगर पुलिस के साथ साझेदारी से हम सुनिश्चित करेंगे कि चालक निर्धारित स्पीड लिमिट का पालन करें और सड़क सुरक्षा को मजबूत किया जा सके।
कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से जुड़े डीजीपी राजीव कृष्ण ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह एक 'सिटीजन सेंट्रिक' और दूरदर्शी प्रयास है, जो सड़क दुर्घटनाओं में उल्लेखनीय कमी लाने में मदद करेगा। उन्होंने बताया कि हर साल औसतन 22 हजार लोग सड़क हादसों में अपनी जान गंवाते हैं, इसलिए ऐसे प्रयास समाज के लिए बेहद आवश्यक हैं।
पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने अतिथियों को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया, जबकि अपर पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) राजीव नारायण मिश्र ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर डीसीपी ट्रैफिक प्रवीण कुमार सिंह, एसीपी यातायात राजीव कुमार गुप्ता, गूगल और लेप्टिन सॉफ्टवेयर टीम के वरिष्ठ अधिकारी, और शहर के कई संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
यह पहल न केवल गौतमबुद्ध नगर बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के लिए सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में एक मॉडल प्रोजेक्ट साबित हो सकती है। पुलिस का लक्ष्य आने वाले वर्षों में सड़क हादसों में 50 प्रतिशत तक की कमी लाना है और यह तकनीकी साझेदारी उसी दिशा में एक सशक्त कदम है।