क्या सरकार ने लागत मुद्रास्फीति सूचकांक को बढ़ाकर 376 किया है, संपत्ति बिक्री पर अधिक लाभ मिलेगा?

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क्या सरकार ने लागत मुद्रास्फीति सूचकांक को बढ़ाकर 376 किया है, संपत्ति बिक्री पर अधिक लाभ मिलेगा?

सारांश

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने लागत मुद्रास्फीति सूचकांक को बढ़ाकर 376 कर दिया है। इससे दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर करदाताओं को अधिक राहत मिलेगी। जानें कैसे यह बदलाव आपकी संपत्ति बिक्री को प्रभावित करेगा।

Key Takeaways

  • सीआईआई में वृद्धि से दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर करदाताओं को राहत मिलेगी।
  • नए नियमों के अनुसार, 23 जुलाई 2024 के बाद बेची गई संपत्तियों पर सीमित लाभ होगा।
  • करदाताओं को दो विकल्प दिए गए हैं: 12.5% फ्लैट दर या 20% प्रतिशत दीर्घकालिक कर।
  • यह बदलाव सरकार के कर सरलीकरण प्रयासों का हिस्सा है।
  • एनआरआई और कंपनियों को नई फ्लैट-रेट प्रणाली का पालन करना होगा।

नई दिल्ली, 2 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने मुद्रास्फीति-समायोजित परिसंपत्तियों के मूल्यों की गणना हेतु लागत मुद्रास्फीति सूचकांक (सीआईआई) को बढ़ा दिया है, जिससे करदाताओं को दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर अधिक राहत का दावा करने की अनुमति मिली है।

हालिया अधिसूचना के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए सीआईआई को संशोधित कर 376 कर दिया गया है, जो पिछले वर्ष 363 था।

लागत मुद्रास्फीति सूचकांक किसी संपत्ति के क्रय मूल्य को मुद्रास्फीति के अनुसार समायोजित करने में मदद करता है।

यह समायोजन कर योग्य पूंजीगत लाभ को कम करता है, जिसे बिक्री मूल्य और मुद्रास्फीति-समायोजित खरीद मूल्य के बीच के अंतर के रूप में मापा जाता है।

उच्च सूचकांक का अर्थ है उच्च समायोजित लागत, जो विक्रेताओं पर कर का बोझ कम करता है।

यह संशोधित सूचकांक वित्त वर्ष 26 और असेसमेंट वर्ष 2026-27 के लिए लागू होगा, जब वित्त वर्ष 26 में अर्जित आय के लिए आईटी रिटर्न दाखिल किया जाएगा।

इस प्रक्रिया का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि पूंजीगत लाभ कर केवल वास्तविक लाभ पर लगाया जाए, मुद्रास्फीति के कारण होने वाले लाभ पर नहीं।

हालांकि, इंडेक्सेशन के संबंध में समग्र नियमों में परिवर्तन हुए हैं। सरकार के कर सरलीकरण प्रयासों के तहत, 2024 के वित्त अधिनियम ने पूंजीगत लाभ कर के लिए नए नियम पेश किए थे।

अपडेट किए गए नियमों के अनुसार, इंडेक्सेशन लाभ मुख्य रूप से 23 जुलाई, 2024 से पहले बेची गई संपत्तियों के लिए उपलब्ध होंगे।

उस तिथि के बाद की गई बिक्री के लिए, कोई निवासी व्यक्ति और हिंदू अविभाजित परिवार (एयूएफ) अभी भी इंडेक्सेशन लाभ का दावा कर सकते हैं, लेकिन यह केवल तभी मान्य होगा जब संपत्ति 23 जुलाई, 2024 से पहले अर्जित की गई हो।

ऐसे मामलों में करदाताओं को दो विकल्प दिए गए हैं। पहला, वे इंडेक्सेशन के बिना नई फ्लैट 12.5 प्रतिशत दर पर कर का भुगतान कर सकते हैं। दूसरा- इंडेक्सेशन के साथ 20 प्रतिशत दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर का भुगतान करना चुन सकते हैं।

हालांकि, यह विकल्प अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) और कंपनियों के लिए उपलब्ध नहीं है। उन्हें अब नई फ्लैट-रेट प्रणाली का पालन करना होगा।

Point of View

जिससे अर्थव्यवस्था में स्थिरता बनी रहे।
NationPress
23/07/2025

Frequently Asked Questions

लागत मुद्रास्फीति सूचकांक क्या है?
लागत मुद्रास्फीति सूचकांक एक ऐसा मानक है जो किसी संपत्ति के क्रय मूल्य को मुद्रास्फीति के अनुसार समायोजित करता है।
सीआईआई में वृद्धि का क्या प्रभाव है?
सीआईआई में वृद्धि से करदाताओं को दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर अधिक राहत मिलेगी।
क्या सभी करदाता इंडेक्सेशन लाभ का दावा कर सकते हैं?
नहीं, इंडेक्सेशन लाभ केवल उन संपत्तियों के लिए उपलब्ध हैं जो 23 जुलाई 2024 से पहले बेची गई हैं।
नई कर प्रणाली का क्या मतलब है?
नई कर प्रणाली के तहत, करदाताओं को अपने लाभ पर कर का भुगतान करने के लिए दो विकल्प दिए गए हैं।
क्या एनआरआई को नए नियमों का लाभ मिलेगा?
नहीं, यह विकल्प एनआरआई और कंपनियों के लिए उपलब्ध नहीं है।