क्या ग्रेटर नोएडा में यूपीआईटीएस का आयोजन सौभाग्य की बात है? : गोपाल कृष्ण अग्रवाल

सारांश
Key Takeaways
- ग्रेटर नोएडा का विकास भारत के अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है।
- यूपीआईटीएस 3.0 में 2,500 से अधिक स्टॉल हैं।
- अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों की भागीदारी इस कार्यक्रम की महत्ता को दर्शाती है।
- ओडीओपी पवेलियन में स्थानीय उत्पादों पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नेतृत्व विकास की दिशा में महत्वपूर्ण है।
ग्रेटर नोएडा, 25 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो (यूपीआईटीएस) का तीसरा संस्करण आयोजित किया जा रहा है। यह पांच दिवसीय कार्यक्रम 25 से 29 सितंबर तक चलेगा। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने इसे ग्रेटर नोएडा के लिए एक विशेष अवसर बताया।
उन्होंने राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए कहा, "ग्रेटर नोएडा अब उत्तर प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है और उत्तर प्रदेश देश के विकास में अपनी भागीदारी निभा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश निरंतर प्रगति कर रहा है।"
उन्होंने आगे कहा, "इस कार्यक्रम में देश-विदेश के कई लोग शामिल हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दृष्टिकोण के अनुरूप ग्रेटर नोएडा में यह कार्य हो रहा है। यह कार्यक्रम हमारे अर्थव्यवस्था के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।"
अग्रवाल ने कहा कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना रहा है और भारत के विकास में योगदान कर रहा है। जल्द ही उत्तर प्रदेश में और अधिक कंपनियाँ निवेश के लिए आएंगी। इसका उद्देश्य इनोवेशन, इंटीग्रेशन और इंटरनेशनलाइजेशन को बढ़ावा देना है।
यूपीआईटीएस 3.0 में 2,500 से अधिक स्टॉल लगाए गए हैं, जो विनिर्माण, प्रौद्योगिकी, हस्तशिल्प, कृषि, वस्त्र, सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी), पर्यटन, स्वास्थ्य सेवा, स्टार्टअप, नवीकरणीय ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी), बुनियादी ढांचा, भौगोलिक संकेतक (जीआई) उत्पादों और वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) जैसी विविध श्रेणियों को प्रदर्शित कर रहे हैं।
ओडीओपी पवेलियन में 343 स्टॉल हैं, जहाँ भदोही के कालीन, फिरोजाबाद के कांच के काम, मुरादाबाद के धातु उत्पाद और सहारनपुर की लकड़ी के शिल्प जैसे स्थानीय उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में लाने पर ध्यान दिया गया है।
इसमें 80 से अधिक देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं, जिसमें रूस को पार्टनर देश के रूप में आमंत्रित किया गया है। रूस की 29 कंपनियाँ और प्रतिनिधिमंडल विशेष रूप से इस कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं।