क्या हूजी भारत में अशांति फैलाने के लिए फिर से सक्रिय हो रहा है?

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क्या हूजी भारत में अशांति फैलाने के लिए फिर से सक्रिय हो रहा है?

सारांश

बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद, हूजी ने भारत के खिलाफ नई साजिशें रचना शुरू कर दी हैं। जानिए इस आतंकवादी संगठन के पुनरुत्थान और इसकी गतिविधियों पर भारत की सुरक्षा एजेंसियों की क्या चिंता है।

Key Takeaways

  • हूजी का पुनरुत्थान भारत की सुरक्षा के लिए चिंता का विषय है।
  • पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच की नजदीकियां बढ़ रही हैं।
  • अब्दुस सलाम पिंटू की रिहाई ने स्थिति को और जटिल बना दिया है।
  • भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।
  • हूजी की गतिविधियों पर कड़ी निगरानी आवश्यक है।

नई दिल्ली, २५ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश में शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद, पाकिस्तान की मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार ने नजदीकियां बढ़ाने का प्रयास किया है। इसी बीच, बांग्लादेश में सक्रिय हरकत-उल-जिहादी-इस्लामी (हूजी) भी एक बार फिर भारत की सीमा पर अपने मॉड्यूल स्थापित करने की कोशिश कर रहा है। भारतीय सुरक्षा अधिकारियों को ऐसे इनपुट प्राप्त हुए हैं।

शेख हसीना के शासन के दौरान 'हूजी' पर नियंत्रण रखा गया था, लेकिन उनके हटने के बाद, अंतरिम सरकार में यह संगठन अपनी गतिविधियों को फिर से बढ़ा रहा है।

'हूजी' मूलतः पाकिस्तान में स्थापित हुआ और इसका उद्देश्य आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के साथ मिलकर जम्मू-कश्मीर में हमले कर अशांति फैलाना था।

हालांकि, कश्मीर में जैश-ए-मोहम्मद के तेजी से बढ़ने के साथ, आईएसआई ने धीरे-धीरे इस संगठन (हूजी) की गतिविधियों को बांग्लादेश में स्थानांतरित कर दिया, जिसका उद्देश्य पश्चिम बंगाल और भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को निशाना बनाना था।

हूजी पूर्वोत्तर भारत और पश्चिम बंगाल में कई गुट स्थापित करने में सफल रहा था, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में भारतीय एजेंसियों की कड़ी सुरक्षा के कारण यह संगठन ठंडा पड़ गया था।

बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार ने इस गुट पर काबू रखा था, लेकिन अब जमात-ए-इस्लामी समर्थित मुहम्मद यूनुस द्वारा अंतरिम सरकार का कार्यभार संभालने के बाद, 'हूजी' समेत कई कट्टरपंथी गुट फिर से सक्रिय हो गए हैं।

न्यूयॉर्क में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बुधवार को यूनुस के साथ बैठक की। इस बैठक का उद्देश्य दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ाना बताया गया है, लेकिन इस बात की आशंका जताई जा रही है कि पाकिस्तान और बांग्लादेश की बढ़ती नजदीकियों से आईएसआई के लिए बांग्लादेश तक पहुंचना आसान हो गया है।

खुफिया ब्यूरो के अधिकारियों का कहना है कि पिछले तीन महीनों में आईएसआई और हूजी नेताओं के बीच कम से कम छह बैठकें हुई हैं। इन सभी का उद्देश्य संगठन की गतिविधियों को पुनर्जीवित करना और भारतीय सीमा के पास और गुट स्थापित करना है।

जमात ने हूजी को सुरक्षा की गारंटी भी दी है और इस प्रक्रिया में उन्हें हथियारों, गोला-बारूद और धन मुहैया कराने का भरोसा दिया गया है।

बांग्लादेश में हूजी के फिर से सक्रिय होने के पीछे एक वजह अब्दुस सलाम पिंटू की रिहाई भी बताई जा रही है। उसे बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) से जुड़े होने का दावा किया गया है। उस पर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से सक्रिय आतंकवादियों को धन मुहैया कराने का आरोप था।

२००४ में शेख हसीना पर ग्रेनेड हमले की कोशिश के लिए उसे २००८ में मौत की सजा सुनाई गई थी। हालांकि, १७ साल जेल में रहने के बाद दिसंबर २०२४ में उसे रिहा कर दिया गया था। अब्दुस सलाम पिंटू ने पीओके स्थित शिविरों में हूजी की हथियारों की खरीद, भर्ती और प्रशिक्षण कार्यक्रमों में मदद की थी।

भारतीय सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि पाकिस्तान और बांग्लादेश में बढ़ती नजदीकियां और अब्दुस के खुलेआम घूमने के कारण एक बार फिर उसके हूजी से जुड़ने की प्रबल आशंका है। वह इस आतंकवादी समूह को अच्छी तरह जानता है और आईएसआई उसका इस्तेमाल उन्हीं गतिविधियों को अंजाम देने के लिए कर सकती है, जो उसने अपनी गिरफ्तारी से पहले की थीं।

पिंटू अकेला व्यक्ति नहीं है, जिसे शेख हसीना के सत्ता से बेदखल होने के बाद यूनुस सरकार ने रिहा किया। उसने सितंबर २०२४ में प्रतिबंधित आतंकी समूह अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) के सदस्य और आतंकवादी शेख असलम को भी रिहा किया था। भारत के लिहाज से यूनुस सरकार का सबसे महत्वपूर्ण फैसला जमात से प्रतिबंध हटाना था। अत्यधिक कट्टरपंथी और खतरनाक माना जाने वाला यह समूह बांग्लादेश में हूजी जैसे आतंकी समूहों के उदय में मदद कर रहा है।

यह तथ्य कि यह आईएसआई की सीधी मदद से ऐसा कर रहा है, भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता का विषय है।

Point of View

हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि देश की सुरक्षा सबसे पहले है। वर्तमान घटनाक्रमों में, बांग्लादेश में बढ़ती कट्टरपंथी गतिविधियों और आईएसआई की भूमिका पर नजर रखना अत्यंत आवश्यक है। हमें अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाने चाहिए।
NationPress
25/09/2025

Frequently Asked Questions

हूजी क्या है?
हूजी (हरकत-उल-जिहादी-इस्लामी) एक आतंकवादी संगठन है जो पाकिस्तान में स्थापित हुआ और इसका उद्देश्य भारत में आतंक फैलाना है।
शेख हसीना के सत्ता से हटने का क्या प्रभाव पड़ा?
शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद, हूजी और अन्य कट्टरपंथी गुटों ने फिर से अपनी गतिविधियाँ शुरू कर दी हैं।
हूजी के पुनरुत्थान के पीछे क्या कारण हैं?
हूजी के पुनरुत्थान के पीछे अब्दुस सलाम पिंटू की रिहाई और पाकिस्तान-बांग्लादेश की बढ़ती नजदीकियाँ मुख्य कारण हैं।
भारत को इस स्थिति से क्या खतरा है?
हूजी की गतिविधियों के बढ़ने से भारत की सुरक्षा को खतरा हो सकता है, विशेषकर पूर्वोत्तर राज्यों में।
आईएसआई की भूमिका क्या है?
आईएसआई ने हूजी के पुनरुत्थान में मदद की है और इसके नेताओं के साथ कई गुप्त बैठकें की हैं।