क्या ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की स्पेस स्टेशन यात्रा पर चर्चा नहीं हो पाना दुर्भाग्यपूर्ण है?

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क्या ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की स्पेस स्टेशन यात्रा पर चर्चा नहीं हो पाना दुर्भाग्यपूर्ण है?

सारांश

लोकसभा में भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की स्पेस स्टेशन यात्रा पर चर्चा होनी थी। केंद्रीय राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने चर्चा की शुरुआत की, लेकिन विपक्ष के हंगामे के कारण यह महत्वपूर्ण चर्चा नहीं हो सकी। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इस पर अपनी नाराजगी व्यक्त की।

Key Takeaways

  • भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की उपलब्धियां महत्वपूर्ण हैं।
  • विपक्ष का हंगामा चर्चा में बाधा डालता है।
  • रक्षा मंत्री ने राष्ट्रीय सम्मान की बात की।
  • शुभांशु शुक्ला की यात्रा ने भारत को गर्वित किया।
  • राजनीतिक सहयोग आवश्यक है।

नई दिल्ली, 18 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। लोकसभा में सोमवार को भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की स्पेस स्टेशन यात्रा और उसके बाद की वापसी पर विशेष चर्चा का आयोजन किया जाना था। केंद्रीय राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने चर्चा की शुरुआत भी की। हालांकि, विपक्ष के हंगामे के चलते चर्चा संपन्न नहीं हो सकी और सदन की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा।

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इस स्थिति पर अपनी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा, 'जिस प्रकार से विपक्ष ने सदन में हंगामा किया और उसे चलने नहीं दिया, वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।' यह चर्चा 'भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम और विकसित भारत 2047 में इसकी भूमिका' विषय पर थी।

रक्षा मंत्री ने आगे कहा, 'यह चर्चा राष्ट्रीय उपलब्धि और देश के सम्मान, स्वाभिमान और भविष्य के वैज्ञानिक एवं राष्ट्रीय सुरक्षा की संभावनाओं से जुड़ी हुई है। विपक्ष का व्यवहार आज बेहद निराशाजनक रहा है।'

लोकसभा में विपक्ष के हंगामे के बीच, केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि जब देश अंतरिक्ष की उपलब्धियों का उत्सव मना रहा है तो विपक्ष उन उपलब्धियों के लिए वैज्ञानिकों को बधाई देने को भी तैयार नहीं है।

उन्होंने शुभांशु शुक्ला का जिक्र करते हुए कहा कि वे केवल एक अंतरिक्ष वैज्ञानिक नहीं हैं, बल्कि एक अनुशासित सिपाही भी हैं। उन्होंने विपक्ष पर व्यंग्य करते हुए कहा कि वे धरती, आकाश और अब अंतरिक्ष से भी नाराज दिखते हैं। आज दुनिया ने भारत की क्षमताओं के सामने सिर झुकाया है। शुभांशु शुक्ला अपने इस मिशन के बाद वापस राजधानी दिल्ली लौटे हैं।

उन्होंने कहा कि 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान भी अंतरिक्ष विभाग और स्पेस टेक्नोलॉजी की जो भूमिका रही है, वह मोदी सरकार के पिछले 10 वर्षों में आई टेक्नोलॉजी के कारण संभव हुई है।

जितेंद्र सिंह के बोलने के बाद जब इस विषय पर चर्चा का अवसर आया तो हंगामा और बढ़ गया, जिसके कारण सदन की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा। लोकसभा की कार्यवाही स्थगित होने के बाद रक्षा मंत्री ने कहा, 'आज लोकसभा में भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन और इसरो मिशन के पायलट शुभांशु शुक्ला की अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन यात्रा और उसके बाद की वापसी पर विशेष चर्चा के दौरान जिस तरह से विपक्ष ने हंगामा किया, वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।'

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत अंतरिक्ष में विकास की जिन नई ऊंचाइयों पर पहुंच रहा है, वह अभूतपूर्व है। विपक्ष चर्चा में भाग लेकर भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की रचनात्मक समीक्षा, आलोचना और सुझाव दे सकता था। अंतरिक्ष जैसे विषय, जो भारत की वैज्ञानिक और सामरिक दृष्टि से 21वीं सदी के भविष्य में अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, उन्हें दलगत राजनीति से ऊपर रखना चाहिए।

Point of View

तो राजनीति के साथ-साथ राष्ट्रीय हित को प्राथमिकता देना आवश्यक है। विपक्ष को इस महत्वपूर्ण चर्चा में भाग लेकर रचनात्मक सुझाव देने चाहिए।
NationPress
18/08/2025

Frequently Asked Questions

ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला कौन हैं?
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला भारतीय वायु सेना के एक प्रतिष्ठित पायलट हैं, जिन्होंने हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन की यात्रा की।
यह चर्चा क्यों नहीं हो पाई?
विपक्ष के हंगामे के कारण लोकसभा में इस महत्वपूर्ण चर्चा को आगे नहीं बढ़ाया जा सका।
रक्षा मंत्री ने क्या कहा?
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विपक्ष के हंगामे को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि यह चर्चा राष्ट्रीय उपलब्धियों से जुड़ी थी।