क्या जीएसटी सुधार जीवन और व्यापार में सुगमता लाएंगे?

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क्या जीएसटी सुधार जीवन और व्यापार में सुगमता लाएंगे?

सारांश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीएसटी सुधारों को लेकर महत्वपूर्ण बातें साझा की हैं। ये सुधार न केवल तकनीकी परिवर्तन हैं, बल्कि जीवन और व्यापार के लिए सुविधाजनक कदम भी हैं। जानिए इन सुधारों से कैसे प्रभावित होंगे आम नागरिक और किस प्रकार बढ़ेगा व्यापार का स्तर।

Key Takeaways

  • जीएसटी सुधारों से जीवन और व्यापार में सुगमता बढ़ेगी।
  • नए सुधार 22 सितंबर से लागू होंगे।
  • किराने के सामान की कीमतें कम होंगी।
  • किसानों और एमएसएमई को भी लाभ मिलेगा।
  • खाद्य क्षेत्र का विस्तार होगा।

नई दिल्ली, 19 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि नए जीएसटी सुधार केवल तकनीकी बदलाव नहीं हैं, बल्कि जीवन, व्यापार और निवेश में सुगमता को बढ़ाने के लिए साहसिक कदम हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "नए जीएसटी सुधार रोजमर्रा के खाद्य पदार्थों और पैकेजिंग पर टैक्स कम करके किराने के सामान को ज्यादा किफायती बनाते हैं और एमएसएमई को बढ़ावा देते हैं। साथ ही, इससे किसानों को भी समर्थन मिलता है और भारत की वैश्विक खाद्य प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार होता हैं।"

प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान द्वारा जीएसटी 2.0 सुधारों पर लिखे गए एक आर्टिकल पर प्रतिक्रिया देते हुए यह बयान दिया।

नए जीएसटी सुधार त्योहारी सीजन से ठीक पहले 22 सितंबर से लागू होंगे और देश भर के बाजारों में बिकने वाली 90 प्रतिशत से ज्यादा वस्तुओं की कीमतों को कम करेंगे।

केंद्रीय मंत्री पासवान ने आर्टिकल में कहा, "प्रधानमंत्री मोदी ने अपने स्वतंत्रता दिवस संबोधन में दिवाली तक अगली पीढ़ी के वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) सुधारों का वादा किया था। 22 सितंबर से, यह वादा देशभर के किराने के बिलों में दिखाई देगा।"

आर्टिकल में बताया गया कि अल्ट्रा हाई टेम्परेचर मिल्क, पैकेज्ड पनीर और सभी आम भारतीय ब्रेड पर 0 प्रतिशत जीएसटी है। बिस्कुट, नमकीन, नाश्ते के अनाज और कॉफी सहित अधिकांश प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों पर 5 प्रतिशत जीएसटी है, जिसका उद्देश्य खाद्य पदार्थों को किफायती बनाना, स्पष्ट वर्गीकरण और दर की निश्चितता प्रदान करना, और उद्योगों को पैमाने और गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करने की अनुमति देना है।

आर्टिकल में आगे कहा गया है कि महत्वपूर्ण बात यह है कि ये बदलाव ऐसे समय में आ रहे हैं जब भारत का खाद्य क्षेत्र बढ़ती आय, शहरीकरण और युवा, स्वास्थ्य और सुविधा चाहने वाली आबादी के कारण ऐतिहासिक विस्तार में प्रवेश कर रहा है।

इन सुधारों का लाभ परिवारों को तुरंत मिलेगा। विभिन्न जरूरी वस्तुओं पर 0 प्रतिशत या 5 प्रतिशत का टैक्स परिवारों को स्वच्छता या पोषण से समझौता किए बिना मासिक खर्च कम करता है। रोजमर्रा के खाद्य पदार्थों पर कम अप्रत्यक्ष कर से हर महीने ज्यादा खर्च करने लायक आय बचती है। जैसे-जैसे प्रतिस्पर्धा कीमतों को समायोजित करती है, उपभोक्ता आधुनिक दिनचर्या के अनुकूल फोर्टिफाइड, रेडी-टू-कुक और रेडी-टू-ईट विकल्पों में ज्यादा उम्मीद कर सकते हैं।

जीएसटी में कमी से एमएसएमई और किसानों को भी फायदा होगा। खाद्य प्रसंस्करण किसानों की आय को देश के पोषण से जोड़ता है।

चिराग पासवान ने कहा कि किफायती प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ दूध, अनाज, फलों और मसालों की साल भर की खरीद को बढ़ाते हैं, बर्बादी को कम करते हैं और बेहतर मूल्य प्राप्ति में मदद करते हैं।

Point of View

यह स्पष्ट है कि ये कदम न केवल व्यापार को बढ़ावा देंगे, बल्कि आम जनजीवन को भी सुगम बनाएंगे। इस दिशा में उठाए गए कदम देश की अर्थव्यवस्था के लिए लाभकारी साबित हो सकते हैं।
NationPress
19/09/2025

Frequently Asked Questions

जीएसटी सुधारों का मुख्य उद्देश्य क्या है?
जीएसटी सुधारों का मुख्य उद्देश्य जीवन, व्यापार और निवेश में सुगमता को बढ़ाना है।
नए जीएसटी सुधार कब लागू होंगे?
नए जीएसटी सुधार 22 सितंबर से लागू होंगे।
इन सुधारों से आम जनता को क्या लाभ होगा?
इन सुधारों से रोजमर्रा के खाद्य पदार्थों की कीमतें कम होंगी, जिससे परिवारों के मासिक खर्च में कमी आएगी।