क्या 15 दिसंबर 2002 को गुजरात में 'मोदी मैजिक' ने इतिहास रचा?
सारांश
Key Takeaways
- मोदी मैजिक: 15 दिसंबर 2002 को भाजपा की ऐतिहासिक जीत।
- 127 सीटों पर विजय: भाजपा ने विधानसभा में पूर्ण बहुमत हासिल किया।
- मोदी का नेतृत्व: नरेंद्र मोदी ने एक सशक्त नेता के रूप में पहचान बनाई।
- गुजरात की राजनीति में बदलाव: यह चुनाव गुजरात की राजनीति में एक नया मोड़ था।
- केंद्र में भी प्रभाव: मोदी की जीत ने उन्हें केंद्र की राजनीति में भी ऊंचा मुकाम दिलाया।
नई दिल्ली, 15 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। 15 दिसंबर 2002 के दिन गुजरात विधानसभा चुनाव के परिणामों ने भारतीय राजनीति में एक नया ऐतिहासिक अध्याय जोड़ा। इस दिन भारतीय जनता पार्टी ने एक शानदार विजय हासिल की, जिससे नरेंद्र मोदी को अपने मुख्यमंत्री बनने के केवल एक वर्ष बाद ही बड़ा चुनावी जनादेश प्राप्त हुआ।
ज्ञात हो कि भाजपा ने कुल 182 विधानसभा सीटों में से 127 सीटों पर जीत हासिल की, जिसका राजनीतिक संदेश स्पष्ट था। समाचार पत्रों ने इस विजय को "मोदी मैजिक" के रूप में वर्णित किया और उन्हें एक ऐसे नेता के रूप में पहचाना गया, जिन्होंने अपनी नेतृत्व क्षमता साबित की और सभी की भविष्यवाणियों को गलत साबित किया।
उस समय नरेंद्र मोदी ने अहमदाबाद के मणिनगर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और शानदार तरीके से जीत प्राप्त की। इस जीत को उन्होंने गुजरात के पांच करोड़ लोगों के "आत्म-सम्मान की विजय" बताया। इस परिणाम ने उन्हें केवल एक संकट के समय के प्रशासक से बदलकर एक मजबूत और स्थिर नेता के रूप में स्थापित किया, जिनके पास स्पष्ट जनादेश था।
2002 के चुनाव परिणामों ने गुजरात की राजनीति में तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी की स्थिति को और मजबूत किया। इस विजय के बाद, वे केवल एक मुख्यमंत्री नहीं, बल्कि एक प्रभावशाली नेता के रूप में उभरकर सामने आए, जिनके नेतृत्व में पार्टी ने राज्य की राजनीति में अपनी पकड़ को और मजबूत किया। इस चुनाव ने यह भी सिद्ध कर दिया कि नरेंद्र मोदी जैसे नेता के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी गुजरात में और भी शक्तिशाली हो गई थी।
गुजरात की विधानसभा 182 निर्वाचन क्षेत्रों से चुनी जाती है, जिन पर कुल 21 दलों और कई सौ निर्दलीय उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था। भाजपा ने 127 सीटें जीतकर विधानसभा में पूर्ण बहुमत हासिल किया। प्रचंड बहुमत के बाद नरेंद्र मोदी ने दूसरी बार मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
गुजरात विधानसभा चुनाव दिसंबर 2002 में हुए थे। उस समय सत्तारूढ़ भाजपा का नेतृत्व मोदी ने किया था, जिसमें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस मुख्य विपक्षी पार्टी थी।
इस प्रकार 2002 की जीत ने एक निर्णायक राजनीतिक बदलाव को दर्शाया। इस विजय ने तत्कालीन सीएम और नेता के रूप में नरेंद्र मोदी को मजबूती से स्थापित किया। इस जीत के बाद राष्ट्रीय फलक पर भी उनकी छवि और लोकप्रियता का पैमाना बढ़ता गया। गुजरात की राजनीति में बड़ी भूमिका निभाने के बाद नरेंद्र मोदी ने केंद्र की राजनीति में भी ऊंचा मुकाम हासिल किया और वे मौजूदा समय में लगातार तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री पद पर विराजमान हैं।