क्या गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कुरन गांव में सामूहिक संवाद का आयोजन किया?

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क्या गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कुरन गांव में सामूहिक संवाद का आयोजन किया?

सारांश

गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने शाला प्रवेशोत्सव के दौरान कुरन गांव में सामूहिक संवाद की एक अनोखी पहल की। उन्होंने ग्रामीणों के साथ खाट बैठक आयोजित कर विकास की दिशा में महत्वपूर्ण बातें साझा की। इस संवाद ने न केवल शिक्षा को बढ़ावा दिया, बल्कि क्षेत्र के विकास को भी गति दी।

Key Takeaways

  • शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री का प्रयास।
  • ग्रामीण विकास के लिए सामूहिक संवाद का महत्व।
  • भारत-पाकिस्तान सीमा के निकट स्थित गांवों का विकास।
  • सरकार की योजनाओं का लाभ सीधे जनता तक पहुंचाना।
  • रिन्यूएबल एनर्जी पार्क से रोजगार के अवसर।

गांधीनगर, 28 जून (राष्ट्र प्रेस)। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने शाला प्रवेशोत्सव-कन्या केळवणी महोत्सव (कन्या शिक्षा महोत्सव) के तहत बच्चों के स्कूल में नामांकन हेतु सीमावर्ती और दूरदराज के गांवों में रात्रि विश्राम का एक संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाया है।

ऐसे गांवों में रात्रि ठहराव के दौरान मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों के साथ पारंपरिक जनजीवन के अनुसार ‘खाट बैठक’ का आयोजन करके सामूहिक संवाद किया।

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने पिछले वर्षों में शाला प्रवेशोत्सव के दौरान नर्मदा जिले में मध्य प्रदेश सीमा के निकट और डांग जिले में महाराष्ट्र सीमा के पास एक ग्रामीण क्षेत्र में रात्रि ठहराव कर ग्रामीणों के साथ संवाद बैठक का आयोजन किया था और इन गांवों की विकासपरक जानकारी प्राप्त की थी।

इस वर्ष के शाला प्रवेशोत्सव 2025 के तीसरे दिन शनिवार को कच्छ जिले के भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा के निकट स्थित कुरन गांव में बच्चों का स्कूल में दाखिला कराया गया। कुरन में शाला प्रवेशोत्सव से पहले मुख्यमंत्री शुक्रवार को कच्छ पहुंचे। उन्होंने गांव में रात्रि ठहराव किया और ग्रामीणों के साथ रात्रि बैठक आयोजित कर संवाद-गोष्ठी की।

मुख्यमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे कुरन गांव के लोगों को 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान प्रशासन और सेना के निर्देशों का पालन करने और सहयोग देने के लिए बधाई दी। उन्होंने ग्रामीणों को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशिष्ट दृष्टिकोण के कारण कच्छ जैसे दूरदराज गांवों में भी विकास की गति तेज हुई है।

उन्होंने कहा कि रिन्यूएबल एनर्जी पार्क रोजगार का एक बड़ा केंद्र बन गया है। इसके साथ ही, रण उत्सव ने कच्छ के ग्रामीण जीवन में आर्थिक प्रगति लाई है। स्थानीय विकास कार्यों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सरकार उनके साथ खड़ी है।

उन्होंने शनिवार को शाला प्रवेशोत्सव के समापन दिवस की सुबह कुरन गांव के स्कूल में बालवाटिका, आंगनबाड़ी से लेकर कक्षा 9 तक के 104 बच्चों का दाखिला कराया। इस वर्ष के शाला प्रवेशोत्सव में पूरे कच्छ जिले के स्कूलों में 1.34 लाख से अधिक बच्चों का नामांकन होने जा रहा है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सरहद के प्रहरी के रूप में पहचाने जाने वाले कुरन गांव में नवनिर्मित प्राथमिक स्कूल का लोकार्पण भी किया।

मुख्यमंत्री ने स्कूल में प्रवेश लेने वाले बच्चों के साथ सहज संवाद किया और स्कूल संचालन समिति (एसएमपी) के सदस्यों के साथ बैठक आयोजित करके स्कूल और गांव की सुविधाओं, शिक्षा की गुणवत्ता एवं अन्य विकास से संबंधित विषयों पर मार्गदर्शन दिया। उन्होंने शिक्षकों और अभिभावकों से अपने बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान देने और विकसित भारत के लिए विकसित गुजरात के निर्माण में सहयोग करने की अपील की।

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने शाला प्रवेश उत्सव को एक विकास उत्सव बनाते हुए कच्छ जिले में 107.60 करोड़ रुपए के विभिन्न विकास कार्यों की सौगात दी।

Point of View

बल्कि सीमावर्ती क्षेत्रों में विकास के लिए एक नई दिशा भी प्रदान करता है। ऐसे कार्यक्रमों से सरकार की योजनाओं का लाभ सीधे जनता तक पहुंचता है।
NationPress
20/07/2025

Frequently Asked Questions

गुजरात के मुख्यमंत्री ने शाला प्रवेशोत्सव कब मनाया?
गुजरात के मुख्यमंत्री ने शाला प्रवेशोत्सव 28 जून को मनाया।
कुरन गांव की विशेषता क्या है?
कुरन गांव भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा के निकट स्थित है।
मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों के साथ क्या संवाद किया?
मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों के साथ 'खाट बैठक' के माध्यम से सामूहिक संवाद किया।
कच्छ जिले में कितने बच्चों का नामांकन होने की संभावना है?
इस वर्ष कच्छ जिले में 1.34 लाख से अधिक बच्चों का नामांकन होने की संभावना है।
मुख्यमंत्री ने किस विकास कार्य की घोषणा की?
मुख्यमंत्री ने कच्छ जिले में 107.60 करोड़ रुपए के विभिन्न विकास कार्यों की घोषणा की।