क्या गुजरात की सरकार मुजपुर-गंभीरा पुल दुर्घटना पर संवेदनशील है?

सारांश
Key Takeaways
- गुजरात सरकार ने मुजपुर-गंभीरा पुल दुर्घटना के पीड़ितों को 62 लाख रुपए की सहायता दी।
- मुख्यमंत्री ने जिम्मेदार अधिकारियों को निलंबित किया।
- पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदनशीलता दिखाते हुए आर्थिक सहायता का ऐलान किया गया।
गांधीनगर, 13 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। गुजरात की भूपेंद्र पटेल सरकार मुजपुर-गंभीरा पुल दुर्घटना को गंभीरता से ले रही है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इस घटना का संज्ञान लेते हुए प्रारंभिक जांच के बाद जिम्मेदार अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया। इसके साथ ही, गुजरात सरकार ने इस सख्त रुख के बाद पीड़ितों के प्रति संवेदनशीलता दिखाई और आर्थिक सहायता प्रदान की।
मुजपुर-गंभीरा पुल दुर्घटना के संदर्भ में राज्य सरकार ने पीड़ितों को 62 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने का निर्णय लिया। इसमें मृतकों के परिजनों को 4 लाख और घायलों को 50 हजार रुपए की सहायता दी गई।
इस कदम से यह स्पष्ट होता है कि प्रदेश सरकार मुजपुर-गंभीरा पुल दुर्घटना के प्रभावित परिवारों और घायलों के प्रति संवेदनशील है। मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य सरकार द्वारा घोषित की गई आर्थिक सहायता के तहत आज 62 लाख रुपए की राशि के चेक वितरित किए गए हैं।
राज्य सरकार ने इस दुर्घटना में मृतकों के परिजनों को 4 लाख और घायलों को 50 हजार रुपए की सहायता देने की घोषणा की थी। रविवार को छोटाउदेपुर के सांसद जशुभाई राठवा और पादरा के विधायक चैतन्य सिंह झाला ने सहायता राशि के चेक का वितरण किया।
घटना की गंभीरता को देखते हुए यह सहायता तत्काल स्वीकृत की गई और बिना किसी देरी के वितरित की गई। उपलब्ध सूची के अनुसार, कुल 62 लाख रुपए के चेकों का वितरण किया गया है, जिसमें चार घायलों और 15 मृतकों के परिजन शामिल हैं।
सांसद जशुभाई राठवा और पादरा के विधायक ने दुर्घटना में प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना की।
मुख्यमंत्री ने इस हादसे पर दुख जताते हुए सोशल मीडिया पर लिखा था, "आणंद और वडोदरा को जोड़ने वाले गंभीरा पुल का एक हिस्सा ढहने से हुई दुर्घटना अत्यंत दुखद है। राज्य सरकार इस त्रासदी से प्रभावित हर परिवार के साथ खड़ी है।"