क्या हम बिहार में 29 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं: ओमप्रकाश राजभर?

सारांश
Key Takeaways
- एसबीएसपी ने 29 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी की है।
- बूथ और ब्लॉक स्तर पर समितियों का गठन किया गया है।
- यदि एनडीए में सहमति नहीं बनी, तो एसबीएसपी अकेले चुनाव लड़ेगी।
- राजभर की पार्टी ओबीसी समुदायों पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
- राजभर ने पहले भी उपचुनावों में एनडीए का समर्थन किया था।
पटना, 31 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में इस वर्ष होने वाले विधानसभा चुनावों के बीच, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश में मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने अपनी पार्टी की चुनावी रणनीति को स्पष्ट किया है।
गुरुवार को पटना में ओमप्रकाश राजभर ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कहा कि उनकी पार्टी बिहार में 29 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर चुकी है और इसके लिए बूथ, सेक्टर, विधानसभा और ब्लॉक स्तर पर समितियों का गठन किया गया है। उन्होंने बताया कि उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शीर्ष नेतृत्व, विशेषकर राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ सीट बंटवारे पर चर्चा की है और आश्वासन मिला है कि चुनाव नजदीक आने पर इस पर बात होगी।
राजभर ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि एनडीए के भीतर सीट शेयरिंग पर सहमति नहीं बनी, तो एसबीएसपी अकेले चुनाव लड़ेगी। उन्होंने दावा किया कि उनकी पार्टी बिहार की कई विधानसभा सीटों पर प्रभावी रूप से काम कर रही है और पीछे हटने का कोई इरादा नहीं है। राजभर ने यह भी संकेत दिया कि उनकी पार्टी बिहार में राजभर, रजवार, राजवंशी और राय जैसे ओबीसी समुदायों पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जिनकी कुछ जिलों में अच्छी खासी आबादी है।
राजभर ने पहले भी बिहार में उपचुनावों में एनडीए का समर्थन किया था, जैसे कि रामगढ़ और तरारी सीटों पर। तब उनकी पार्टी ने भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की ओर से मिले आश्वासन के बाद अपने उम्मीदवार वापस ले लिए थे।
राजभर की रणनीति बिहार में अपनी पार्टी की उपस्थिति को मजबूत करने और एनडीए के भीतर अधिक से अधिक सीटें हासिल करने की है, लेकिन वह गठबंधन से बाहर जाकर भी अपनी ताकत दिखाने के लिए तैयार हैं।
2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में सभी 7 आरोपियों को बरी किए जाने पर ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि अब जब अदालत ने अपना फैसला दे दिया है, तो हर कोई इसका स्वागत करता है और हम भी इसका स्वागत करते हैं।