क्या आईपीएस रूपी रेल से उतरा हूं, यात्रा खत्म नहीं हुई है?: सेवानिवृत डीजीपी ओ.पी. सिंह

Click to start listening
क्या आईपीएस रूपी रेल से उतरा हूं, यात्रा खत्म नहीं हुई है?: सेवानिवृत डीजीपी ओ.पी. सिंह

सारांश

हरियाणा पुलिस के पूर्व महानिदेशक ओ.पी. सिंह ने अपनी सेवानिवृत्ति पर एक भावुक पत्र लिखा है। उन्होंने 34 वर्षों की सेवा के बाद अपनी उपलब्धियों और भविष्य की चुनौतियों पर प्रकाश डाला है। क्या उनकी यात्रा का अंत हुआ है या यह एक नई शुरुआत है?

Key Takeaways

  • 34 वर्षों की पुलिस सेवा का अनुभव।
  • 2025 में अपराधों में कमी।
  • भविष्य की चुनौतियों का सामना करने की आवश्यकता।
  • साइबर अपराध और संगठित अपराध पर जोर।
  • सेवानिवृत्ति को अंत न मानना।

चंडीगढ़, 31 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। हरियाणा पुलिस के पूर्व महानिदेशक ओ.पी. सिंह ने बुधवार को औपचारिक रूप से सेवानिवृत्ति ली। 34 वर्षों की सेवा के बाद, यह दिन उनके लिए खास था। इस अवसर पर, उन्होंने सोशल मीडिया पर एक भावुक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने अपने सफर, उपलब्धियों, चुनौतियों और भविष्य की आशाओं का वर्णन किया।

पत्र की शुरुआत में ओ.पी. सिंह ने नए साल की शुभकामनाएं दी। उन्होंने हरियाणा पुलिस के जवानों और अधिकारियों को 2026 के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि 2025 में पुलिस ने बेहतरीन कार्य किया है। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष में मानव और संपत्ति के खिलाफ अपराधों में कमी आई है।

हालांकि, उन्होंने आगाह किया कि 2026 में चुनौतियाँ और बढ़ेंगी। उन्होंने कहा कि 2025 के आंकड़ों को अब बेसलाइन माना जाएगा, जिससे अपराध के आंकड़ों पर सवाल उठेंगे। उनका मानना है कि इस स्थिति से निपटने के लिए अधिक से अधिक पुलिसकर्मियों को अपराध रोकने के कार्य में लगाना होगा।

ओ.पी. सिंह ने साइबर अपराध, संगठित अपराध और नशे के खिलाफ लड़ाई को प्राथमिकता देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में अपराध के तरीके बदल रहे हैं और पुलिसिंग को और अधिक प्रभावी बनाना होगा। उन्हें विश्वास है कि हरियाणा पुलिस इन चुनौतियों से निपटने में सक्षम होगी।

उन्होंने अपने व्यक्तिगत सफर को भी खूबसूरती से व्यक्त किया। उन्होंने लिखा कि 1992 में वे 'आईपीएस रूपी रेल' में सवार हुए थे और यह तय था कि उनका स्टॉप 31 दिसंबर 2025 होगा। उन्होंने अल्फ्रेड टेनिसन की कविता 'उलिसस' का एक अंश साझा किया, "मैं उन सभी का हिस्सा हूं, जिनसे मैं मिला हूं।"

उन्होंने कहा कि इस यात्रा के दौरान जो भी लोग उनके साथ रहे, वे उनकी यादों का हिस्सा हैं। उन्होंने सेवानिवृत्ति को एक अंत न मानते हुए कहा कि जब तक जीवन है, तब तक कुछ सार्थक करते रहना चाहिए। पुलिस सेवा में रहते हुए, उन्होंने हिंसक अपराधियों और उपद्रवियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया और कई सामाजिक कार्यक्रमों का संचालन किया।

पत्र के अंत में उन्होंने लिखा कि आईपीएस और हरियाणा पुलिस ही उनकी पहचान हैं। कबीर दास की पंक्तियों के साथ उन्होंने अपनी बात समाप्त की, "दास कबीर जतन से ओढ़ी, ज्यों-की-त्यों धर दीन्हीं चदरिया।"

Point of View

हमें इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि ओ.पी. सिंह की यात्रा केवल उनके व्यक्तिगत अनुभवों तक सीमित नहीं है। यह हरियाणा पुलिस की विकास यात्रा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और हमें इस दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।
NationPress
31/12/2025

Frequently Asked Questions

ओ.पी. सिंह ने अपने पत्र में क्या उल्लेख किया?
ओ.पी. सिंह ने अपने पत्र में अपने सफर, उपलब्धियों, चुनौतियों और भविष्य की आशाओं का वर्णन किया।
उन्होंने भविष्य के लिए क्या चेतावनी दी?
उन्होंने कहा कि 2026 में चुनौतियाँ बढ़ेंगी और अपराध के आंकड़ों पर सवाल उठेंगे।
Nation Press