क्या हरियाणा का झज्जर जिला भूकंप का केंद्र बना?

सारांश
Key Takeaways
- भूकंप का केंद्र झज्जर जिले में था।
- पहला झटका अधिक तेज था।
- भूकंप के दौरान सुरक्षा प्राथमिकता होनी चाहिए।
- दूसरा झटका हल्का था।
- जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ।
झज्जर/नई दिल्ली, 10 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली एनसीआर में गुरुवार की सुबह लगभग 9 बजे दो बार भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए, जिसका केंद्र हरियाणा के झज्जर जिले में था। स्थानीय निवासियों ने कहा कि भूकंप के झटकों से वे डर गए। लोगों ने बताया कि भूकंप का पहला झटका ज्यादा तेज था।
हरियाणा के झज्जर जिले और दिल्ली एनसीआर में गुरुवार सुबह भूकंप के तेज झटके आए। सुबह 9.05 से 9.10 बजे के बीच भूकंप के दो झटके आए, जिनकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.4 और 3.0 दर्ज की गई। भूकंप का केंद्र झज्जर शहर से 10 किलोमीटर उत्तर में था, जिसकी गहराई 10 किलोमीटर मापी गई।
स्थानीय निवासियों ने बताया कि भूकंप के झटकों से वे सहम गए। अरुण कुमार ने कहा, "हम बेड पर बैठे थे, तभी बेड हिलने लगा। पूरा परिवार तुरंत घर से बाहर निकल आया। दूसरा झटका हल्का था।" धर्मपाल ने बताया, "मैं दुकान में था, दुकान हिलने लगी। हम तुरंत बाहर भागे।"
सुखबीर सिंह ने कहा, "मैं अखबार पढ़ रहा था, तभी जोरदार झटका लगा। पहला झटका ज्यादा तेज था।" बलराम ने बताया, "खाना खाते समय झटके आए। 10-12 सेकंड तक दो बार झटके महसूस हुए, पहला ज्यादा तेज था।" मेहरचंद ने चिंता जताते हुए कहा, "बरसात में भूकंप नुकसानदायक होता है, क्योंकि इससे मकानों को नुकसान हो सकता है।" वहीं, नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी ने भी पहले झटके को ज्यादा तेज बताया। फिलहाल, किसी जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है।
झज्जर और दिल्ली में सुबह के भूकंप के झटकों से लोग डर गए और कई घरों से बाहर निकल आए। भूकंप के समय खुले मैदान में जाना, मजबूत फर्नीचर के नीचे छिपना या दीवारों से दूर रहना सुरक्षित माना जाता है।
इससे पहले, 17 फरवरी को दिल्ली और पूरे एनसीआर में सोमवार सुबह 5:36 बजे तेज भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। भूकंप के झटके इतने तेज थे कि जो लोग सो रहे थे, उनकी नींद टूट गई, और जो जाग रहे थे, वे दहशत में आ गए। लोगों ने तत्काल अपने घरों से बाहर निकलकर सुरक्षित स्थानों पर शरण ली और कुछ समय तक बाहर ही रुके रहे। भूकंप का केंद्र नई दिल्ली था और इसकी गहराई 5 किलोमीटर थी।