क्या झारखंड के हजारीबाग में फर्जी एंटी करप्शन के अधिकारी गिरफ्तार हुए?

सारांश
Key Takeaways
- चार ठग गिरफ्तार किए गए हैं जो फर्जी एंटी करप्शन अधिकारी बनकर वसूली कर रहे थे।
- इन ठगों ने मेडिकल स्टोर संचालकों से पैसे ऐंठने की कोशिश की।
- ग्रामीणों की सजगता से यह मामला उजागर हुआ।
- पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार किया।
- संबंधित अधिकारियों ने इस गिरोह के अन्य सदस्यों की पहचान के लिए जांच शुरू की है।
हजारीबाग, १० सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड की हजारीबाग पुलिस ने एंटी करप्शन एंड क्राइम ब्यूरो का अधिकारी बताकर अवैध वसूली करने वाले चार ठगों को गिरफ्तार किया है। ये सभी आरोपी मेडिकल स्टोर संचालकों से फर्जी छापेमारी के नाम पर पैसे ऐंठ रहे थे।
हजारीबाग के एडिशनल एसपी अमित आनंद ने जानकारी दी कि यह घटना कटकमसांडी थाना क्षेत्र के डांटो खुर्द गांव की है। ९ सितंबर की शाम, एक सफेद स्कॉर्पियो (नंबर JH02AJ-7476) में सवार चार व्यक्तियों ने दो मेडिकल स्टोर पर खुद को क्राइम ब्यूरो का अधिकारी बताकर वसूली की।
उन्होंने बताया कि इन्होंने लाइसेंस जांचने के बहाने दो स्टोर मालिकों से दस-दस हजार रुपए की वसूली की। ये लोग लोगों को भ्रमित करने के लिए फॉर्मल कपड़े पहने हुए थे, गले में नकली आईडी कार्ड लटकाए थे और पुलिस के लाल जूते भी पहने थे। यहाँ तक कि उनकी गाड़ी पर भी 'एंटी करप्शन ब्यूरो' का बोर्ड लगा हुआ था।
ग्रामीणों को इन पर संदेह हुआ और उन्होंने तुरंत वाहन को रोककर कटकमसांडी पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलने पर थाना प्रभारी मनोज कुजूर अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने जब इनसे पूछताछ की तो ये सही से जवाब नहीं दे पाए और जांच के बाद चारों फर्जी अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान नंदुवीर राम, महेश कुमार पासवान, अयोध्या नारायण पासवान और धनेश्वर राम के रूप में हुई है। इनके बारे में पता लगाया जा रहा है कि ये कब से इस प्रकार का काम कर रहे थे और इसका मास्टरमाइंड कौन है।
पुलिस ने उनके पास से एक सफेद कलर की स्कॉर्पियो, फर्जी बोर्ड, चार नकली आईडी कार्ड, चार जोड़ी पुलिस के जूते, एक मुहर और २,५०० रुपए नकद बरामद किए हैं। पूछताछ के दौरान, चारों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है।
एडिशनल एसपी अमित आनंद ने बताया कि उन्होंने अपने आईडी कार्ड में एक बारकोड भी लगाया हुआ था, जिससे लोगों को कोई शक न हो। बारकोड की जांच करने पर यह फर्जी निकला। इस गिरोह में कितने लोग शामिल हैं और उनकी गतिविधियों का दायरा क्या है, इसकी जांच की जा रही है। आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा जा रहा है।