क्या उत्तरकाशी आपदा में भारतीय सेना ने गुजरात के तीर्थयात्रियों को रेस्क्यू किया?

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क्या उत्तरकाशी आपदा में भारतीय सेना ने गुजरात के तीर्थयात्रियों को रेस्क्यू किया?

सारांश

उत्तरकाशी में आए हालिया आपदा के चलते गुजरात के तीर्थयात्रियों की भारतीय सेना द्वारा रेस्क्यू किए जाने की खबर ने सभी को राहत दी। जानें इस साहसी कार्य की पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • भारतीय सेना ने तीर्थयात्रियों को रेस्क्यू किया।
  • संचार बहाल करने के लिए सैटेलाइट सिस्टम का उपयोग किया गया।
  • आपदा के समय तत्काल कार्रवाई आवश्यक है।
  • गुजरात के तीर्थयात्री सुरक्षित हैं।
  • राहत कार्य में विभिन्न संस्थाएं जुटी हुई हैं।

नई दिल्ली, ८ अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड के धराली में आई आपदा के चलते फंसे गुजरात के बनासकांठा जिले के १० तीर्थयात्रियों को भारतीय सेना ने सफलतापूर्वक बचा लिया है। सेना ने इन तीर्थयात्रियों को हेलीकॉप्टर के जरिए ऋषिकेश पहुंचाने में सफलता प्राप्त की है।

ये तीर्थयात्री बनासकांठा जिले के भाभर तालुका के चिचोदरा गांव से हैं, जो धार्मिक यात्रा के लिए उत्तराखंड आए थे। ५ अगस्त को आपदा के कारण उनका अपने परिवार से संपर्क टूट गया था, जिससे उनके परिवारों में चिंता का माहौल बन गया। ७ अगस्त४ बजे संचार बहाल होने पर परिवारों ने अपने परिजनों से वीडियो कॉल के माध्यम से बात की, जिससे उन्हें बड़ी राहत मिली।

अधिकारियों के अनुसार, सेना ने ११ में से १० तीर्थयात्रियों को हेलीकॉप्टर से आपदा क्षेत्र से निकालकर ऋषिकेश पहुंचाया है। इनमें से एक तीर्थयात्री ने अपनी यात्रा जारी रखने का निर्णय लिया है।

धराली में बादल फटने के कारण सड़क संपर्क और संचार व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है। भारतीय सेना ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सैटेलाइट और रेडियो रिले सिस्टम स्थापित किए, जिससे फंसे लोगों और उनके परिवारों के बीच संपर्क बहाल हो सका।

इसके साथ ही, सेना की इंजीनियर रेजिमेंट ने धराली और मुखवा गांव के बीच पहुंच बहाल करने के लिए महत्वपूर्ण निर्माण और मरम्मत कार्य शुरू कर दिया है।

उत्तरकाशी पुलिस के अनुसार, भारतीय सेना, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), स्थानीय पुलिस, अग्निशामक सेवाएं, और राजस्व विभाग की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। फंसे लोगों को हेलीकॉप्टर के माध्यम से मातली के आईटीबीपी कैंप तक पहुंचाया जा रहा है और यह कार्य सुबह से जारी है। यह अभियान क्षेत्र के पूरी तरह खाली होने तक जारी रहेगा।

Point of View

हमारी सेना हमेशा पहले आगे आती है। यह घटना न केवल तीर्थयात्रियों के लिए बल्कि उनके परिवारों के लिए भी एक बड़ा राहत का क्षण है।
NationPress
08/08/2025

Frequently Asked Questions

उत्तरकाशी में क्या हुआ था?
उत्तरकाशी में बादल फटने से अचानक आई बाढ़ ने कई लोगों को फंसा दिया था।
भारतीय सेना ने किस प्रकार रेस्क्यू किया?
भारतीय सेना ने हेलीकॉप्टर के माध्यम से फंसे हुए तीर्थयात्रियों को सुरक्षित निकाला।
इस घटना के दौरान संचार की स्थिति कैसी थी?
आपदा के बाद संचार प्रणाली खराब हो गई थी, लेकिन सेना ने सैटेलाइट और रेडियो रिले सिस्टम स्थापित किए।