क्या प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत 11 इंटीग्रेटेड एक्वा-पार्क्स बनाने के प्रस्तावों को मंजूरी दी गई?

सारांश
Key Takeaways
- 11 इंटीग्रेटेड एक्वा-पार्क्स का विकास किया जाएगा।
- 682.60 करोड़ रुपए का निवेश होगा।
- मछुआरों की आय में वृद्धि का लक्ष्य।
- बीमा कवरेज का प्रावधान।
- आंध्र प्रदेश के तटीय गांवों में 350 सागर मित्रों की नियुक्ति।
नई दिल्ली, 8 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के मत्स्य पालन विभाग ने वित्त वर्ष 2020-21 से वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) के तहत 682.60 करोड़ रुपए की लागत से 11 इंटीग्रेटेड एक्वा-पार्क्स के विकास के लिए विभिन्न राज्य सरकारों के प्रस्तावों को मंजूरी दी है। यह जानकारी केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
इंटीग्रेटेड एक्वा-पार्क्स विभिन्न मत्स्य पालन के केंद्रों के रूप में कार्य करते हैं, जो एक्वाकल्चर वैल्यू चेन को मजबूत करते हैं। ये पार्क बीज, चारा और प्रोसेसिंग, कोल्ड चेन के साथ बाजार पहुंच के लिए कृषि सहायता तक एक एंड-टू-एंड इंफ्रास्ट्रक्चर की सुविधा प्रदान करते हैं। ये पार्क क्लस्टर-आधारित दक्षता को सक्षम बनाते हैं, कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम करते हैं और वैल्यू एडिशन एवं संगठित मार्केटिंग के माध्यम से किसानों की आय में वृद्धि करते हैं।
मत्स्य पालन मंत्रालय ने विभिन्न राज्य सरकारों, केंद्र शासित प्रदेशों और अन्य अंतिम कार्यान्वयन एजेंसियों से प्राप्त प्रस्तावों के आधार पर, पिछले पाँच वर्षों में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत 9,189.79 करोड़ रुपए के केंद्रीय शेयर के साथ 21,274.16 करोड़ रुपए के मत्स्य विकास प्रस्तावों को मंजूरी दी है।
इसके अतिरिक्त, राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन ने बताया कि भारत सरकार ने प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के अंतर्गत आंध्र प्रदेश के तटीय गांवों में 350 सागर मित्रों की नियुक्ति के लिए आंध्र प्रदेश सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
पीएमएमएसवाई में मछुआरों के लिए बीमा कवरेज का प्रावधान है, जिसमें मृत्यु या स्थायी पूर्ण विकलांगता के लिए 5 लाख रुपए और स्थायी आंशिक विकलांगता के लिए 2.5 लाख रुपए शामिल हैं। प्रीमियम केंद्र और राज्य सरकारों के बीच साझा किया जाता है, जिसमें लाभार्थी का कोई योगदान नहीं होता है।
नेशनल फिशरीज डेवलपमेंट बोर्ड (एनएफडीबी) ने सूचित किया है कि आंध्र प्रदेश चालू वित्त वर्ष 2025-2026 के दौरान पीएमएमएसवाई के तहत ग्रुप एक्सीडेंट इंश्योरेंस स्कीम (जीएआईएस) का लाभ उठाने के लिए आगे आया है, जिसमें 2,07,63,370.4 रुपए के प्रीमियम के साथ 2,58,515 मछुआरों को कवर किया गया है। इसके अलावा, आंध्र प्रदेश सरकार ने सूचित किया है कि राज्य मछली पकड़ने के दौरान मरने वाले मृतक मछुआरों के परिवारों को 10 लाख रुपए की अनुग्रह राशि प्रदान कर रहा है।