क्या भारत में 100 5जी लैब से 6जी तकनीक की लीडरशिप मजबूत होगी?
सारांश
Key Takeaways
- भारत में 100 5जी लैब की स्थापना हुई है।
- 6जी टेक्नोलॉजी में लीडरशिप का लक्ष्य है।
- डॉ. नीरज मित्तल ने कनेक्टिविटी के महत्व पर जोर दिया।
- भारत 6जी एलायंस के माध्यम से वैश्विक सहयोग बढ़ा रहा है।
- 100 से अधिक आरएंडडी प्रोजेक्ट चलाए जा रहे हैं।
नई दिल्ली, 5 नवंबर (राष्ट्र प्रेस) । केंद्र सरकार ने बुधवार को खुलासा किया है कि भारत को 6जी टेक्नोलॉजी में लीडरशिप प्राप्त करने के लिए, देश के विभिन्न हिस्सों में 100 5जी लैब स्थापित किए गए हैं।
संचार मंत्रालय के अनुसार, दूरसंचार विभाग ने एमरजिंग साइंस, टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन कॉन्क्लेव 2025 में भाग लेते हुए 'डिजिटल कम्युनिकेशन' पर आयोजित सत्र का नेतृत्व किया।
इस सत्र का संचालन दूरसंचार सचिव और डिजिटल संचार आयोग के अध्यक्ष डॉ. नीरज मित्तल ने किया।
डॉ. मित्तल के अनुसार, दूरसंचार न केवल अर्थव्यवस्था, बल्कि विभिन्न क्षेत्रों में विकसित हो रही सभी तकनीकों का एक सशक्त माध्यम बन चुका है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि कनेक्टिविटी सभी उत्पादक गतिविधियों की नींव है और यह भारत की टेलीकॉम क्रांति का देश के आर्थिक विकास पर सीधा प्रभाव डालती है।
डॉ. मित्तल ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी के दृष्टिकोण के कारण भारत ने दुनिया में सबसे तेजी से 5जी का रोलआउट किया और देशभर में 100 5जी लैब स्थापित किए गए हैं ताकि यूज केस विकसित किए जा सकें और भारत को 6जी टेक्नोलॉजी में लीडरशिप हेतु तैयार किया जा सके।"
उन्होंने कनेक्टिविटी की परिवर्तनकारी शक्ति और एआई के तेजी से विकास पर जोर देते हुए कहा, "यह क्षेत्र हम सभी के लिए असंभव को संभव बनाने का एक नया अवसर प्रदान करता है।"
डॉ. मित्तल ने 'भारत 6जी एलायंस' नामक एक अग्रणी पहल पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारत ने पहले ही वैश्विक 6जी निकायों के साथ 10 अंतरराष्ट्रीय सहयोगों पर हस्ताक्षर कर लिए हैं और इसका उद्देश्य 2030 तक भारत के लिए 6जी पेटेंट में 10 प्रतिशत योगदान देना है।
दूरसंचार सचिव ने बताया कि नेक्स्ट-जेनरेशन कम्युनिकेशन के प्रति सरकार का दृष्टिकोण बहुआयामी है, जो रिसर्च और डेवलपमेंट को बढ़ावा देता है, घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को प्रोत्साहित करता है और शिक्षा जगत और उद्योग के बीच एक मजबूत पुल का निर्माण करता है।
उन्होंने यह भी बताया कि 6जी को 100 से अधिक आरएंडडी प्रोजेक्ट का समर्थन दिया जा रहा है, जिसका उद्देश्य स्वदेशी चिपसेट, एआई-बेस्ड इंटेलिजेंट नेटवर्क और नवाचार को बढ़ावा देना है।