क्या दो दिवसीय जीएसटी परिषद की बैठक से कर दरों में कमी और छोटे व्यवसायों को मिलेगा लाभ?

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क्या दो दिवसीय जीएसटी परिषद की बैठक से कर दरों में कमी और छोटे व्यवसायों को मिलेगा लाभ?

सारांश

नई दिल्ली में 56वीं जीएसटी परिषद की बैठक शुरू हो रही है, जिसमें छोटे व्यवसायों को राहत देने और कर दरों में कमी के प्रस्तावों पर चर्चा की जाएगी। यह बैठक कर प्रणाली में सुधार के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है।

Key Takeaways

  • जीएसटी परिषद की बैठक की शुरुआत आज से हो रही है।
  • कर दरों में कमी की संभावना है।
  • छोटे व्यवसायों के लिए राहत के प्रस्ताव पर चर्चा।
  • शिक्षा क्षेत्र को भी लाभ मिल सकता है।
  • संशोधित जीएसटी संरचना 22 सितंबर तक लागू हो सकती है।

नई दिल्ली, 3 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। करदाताओं को राहत प्रदान करने के लिए 56वीं जीएसटी परिषद की दो-दिवसीय बैठक बुधवार को नई दिल्ली में सुबह 11 बजे प्रारंभ होगी।

इस बैठक में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के ढांचे को दो स्तरीय टैक्स स्लैब में बदलने पर विचार किया जाएगा। यह अनुमानित है कि इससे लगभग 150 से अधिक उत्पादों पर जीएसटी की दरों में कमी आ सकती है।

इस बैठक की अध्यक्षता वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण करेंगी और इसमें सभी राज्यों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।

वित्त मंत्री सीतारमण के अनुसार, अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार एक खुली और पारदर्शी अर्थव्यवस्था का निर्माण करेंगे, और छोटे व्यवसायों पर कर अनुपालन के बोझ को कम करेंगे।

परिषद वर्तमान 12 और 28 प्रतिशत की दरों को 5 और 18 प्रतिशत की कम दरों में बदलने पर चर्चा करेगी।

बैठक में कुछ वस्तुओं पर 40 प्रतिशत की विशेष कर दर लगाने का प्रस्ताव भी रखा जा सकता है।

विभिन्न वस्तुओं को 12 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की जीएसटी दर से हटाकर 5 प्रतिशत या शून्य जीएसटी श्रेणी में लाने के प्रस्तावों का उद्देश्य परिवारों पर कर का बोझ कम करना है।

कई रिपोर्टों के अनुसार, सामान्य रूप से खाए जाने वाले खाद्य पदार्थ जैसे खुला पनीर, खाखरा, पिज्जा ब्रेड, चपाती और रोटी को शून्य जीएसटी श्रेणी में शामिल किया जा सकता है, जिन पर वर्तमान में 5 प्रतिशत से 18 प्रतिशत की जीएसटी दरें लागू हैं।

रेडी-टू-ईट खाद्य पदार्थ जैसे पराठा, जिन पर 18 प्रतिशत कर लगता है, को भी जीएसटी छूट देने पर विचार किया जा रहा है। मक्खन, गाढ़ा दूध, जैम, मेवे, नमकीन, मशरूम और खजूर जैसी वस्तुओं पर कर की दर 12 प्रतिशत से घटकर 5 प्रतिशत हो सकती है।

केंद्र ने विभिन्न मिठाइयों, लोकप्रिय पैकेज्ड स्नैक्स, नाश्ते और मिठाइयों पर जीएसटी 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव दिया है। इन वस्तुओं में कोको चॉकलेट, पेस्ट्री, आइसक्रीम और अनाज के फ्लेक्स शामिल हैं, जिनका उपयोग मुख्य रूप से शहरी उपभोक्ता और युवा वर्ग करते हैं।

प्रवेश स्तर के यात्री वाहनों और दोपहिया वाहनों पर कर को घटाकर 18 प्रतिशत करने की भी उम्मीद है, जिससे दिवाली से पहले ये और किफायती हो जाएंगे। वर्तमान में, इंजन पर आधारित सभी यात्री वाहनों पर 28 प्रतिशत जीएसटी और इंजन क्षमता, लंबाई और बॉडी प्रकार के आधार पर 1 प्रतिशत से 22 प्रतिशत तक का सेस लगता है।

जीएसटी परिषद की बैठक से शिक्षा क्षेत्र को भी लाभ होने की संभावना है क्योंकि मानचित्र, ग्लोब, पेंसिल शार्पनर, अभ्यास पुस्तिकाएं, ग्राफ बुक और लैब नोटबुक जैसी वस्तुओं पर जीएसटी दर 12 प्रतिशत से घटाकर शून्य करने का प्रस्ताव है। इससे छात्रों और अभिभावकों को, खासकर नए शैक्षणिक वर्ष से पहले, काफी बचत हो सकती है।

दरों में कटौती का प्रस्ताव जीएसटी परिषद के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा, जिसमें केंद्र और राज्य के प्रतिनिधि शामिल होंगे। संशोधित जीएसटी संरचना को मंजूरी मिलने के बाद 22 सितंबर तक लागू किया जा सकता है।

Point of View

बल्कि छोटे व्यवसायों की स्थिति को भी मजबूत करेगी। यह सरकार की ओर से उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे व्यापार और उद्योग को प्रोत्साहन मिलेगा।
NationPress
03/09/2025

Frequently Asked Questions

जीएसटी परिषद की बैठक कब हो रही है?
56वीं जीएसटी परिषद की बैठक 3 सितंबर को नई दिल्ली में सुबह 11 बजे शुरू हो रही है।
इस बैठक में क्या चर्चा की जाएगी?
इस बैठक में जीएसटी के ढांचे में सुधार और कर दरों में कमी के प्रस्तावों पर चर्चा की जाएगी।
क्या छोटे व्यवसायों को इस बैठक से लाभ होगा?
हां, छोटे व्यवसायों को राहत देने के लिए कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर चर्चा की जा रही है।
जीएसटी दरों में कितनी कमी की उम्मीद है?
कुछ उत्पादों के लिए जीएसटी दरों को 12 और 28 प्रतिशत से घटाकर 5 और 18 प्रतिशत करने की उम्मीद है।
बैठक का परिणाम कब लागू होगा?
संशोधित जीएसटी संरचना को मंजूरी मिलने के बाद, इसे 22 सितंबर तक लागू किया जा सकता है।