क्या कांग्रेस नेतृत्व को पीएम मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियों के लिए माफी मांगनी चाहिए?
सारांश
Key Takeaways
- वीरेंद्र सचदेवा का कांग्रेस पर आरोप कि वह नफरत की राजनीति को बढ़ावा दे रही है।
- कांग्रेस द्वारा ईवीएम के दुरुपयोग का सवाल उठाना।
- दिल्ली में आम आदमी पार्टी के खिलाफ भाजपा की रणनीति।
- केरल में भाजपा की जीत को राष्ट्रवाद की जीत बताना।
- जनता की राय पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता।
नई दिल्ली, 14 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली भाजपा के प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने रविवार को रामलीला मैदान में आयोजित रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ उठाए गए आपत्तिजनक नारों के लिए कांग्रेस नेतृत्व से माफी मांगने का आग्रह किया है। उन्होंने कांग्रेस के नेताओं पर नफरत की राजनीति को बढ़ावा देने और पार्टी कार्यकर्ताओं को प्रधानमंत्री के प्रति आपत्तिजनक नारे लगाने से रोकने में असफल रहने का आरोप लगाया।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस के द्वारा चुनाव में धांधली का आरोप लगाना और मतदाता सूची के विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) पर आपत्ति जताना, हरियाणा, महाराष्ट्र, दिल्ली या बिहार, सभी राज्यों में जनता के लोकतांत्रिक जनादेश का अपमान है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता लगातार केंद्र सरकार और चुनाव आयोग पर ईवीएम के दुरुपयोग का आरोप लगा रहे हैं और ईवीएम के बजाय मतपत्रों के माध्यम से चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं।
सचदेवा ने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन ने इन्हीं ईवीएम का उपयोग करके केरल में स्थानीय निकाय चुनाव जीत लिए हैं, तो देश की जनता इस मुद्दे पर कांग्रेस नेतृत्व की प्रतिक्रिया का बेसब्री से इंतजार कर रही है।
उन्होंने पूछा, "देश की जनता कांग्रेस नेताओं से यह जानना चाहती है कि अगर उनके अनुसार ईवीएम का उपयोग करके कहीं भी डाला गया हर वोट भाजपा को जाता है, तो कांग्रेस ने इन्हीं ईवीएम का उपयोग करके केरल नगर निगम चुनाव कैसे जीता?"
उन्होंने केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में हुए नगरपालिका चुनावों में भाजपा की जीत को राष्ट्रवाद और सनातन धर्म की जीत करार दिया।
सचदेवा ने आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल को छद्म कम्युनिस्ट बताते हुए कहा कि उन्होंने 2025 की शुरुआत में हुए दिल्ली विधानसभा चुनावों में हार का सामना किया, वहीं केरल की जनता ने अप्रैल 2026 में होने वाले अगले विधानसभा चुनाव में कम्युनिस्टों को विदाई देने का फैसला कर लिया है।