क्या दिल्ली कैबिनेट ने ‘दिल्ली जन विश्वास विधेयक 2026’ को मंजूरी दी?

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क्या दिल्ली कैबिनेट ने ‘दिल्ली जन विश्वास विधेयक 2026’ को मंजूरी दी?

सारांश

दिल्ली मंत्रिमंडल ने छोटे अपराधों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने और व्यापार में सरलता लाने के लिए ‘दिल्ली जन विश्वास विधेयक, 2026’ को मंजूरी दी है। यह विधेयक नागरिकों के जीवन को आसान बनाएगा और अदालतों पर बोझ को कम करेगा। जानें इस विधेयक के महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में!

Key Takeaways

  • दिल्ली जन विश्वास विधेयक, 2026 को मंजूरी मिली।
  • छोटे अपराधों को अपराध की श्रेणी से बाहर किया जाएगा।
  • नागरिक दंड और प्रशासनिक जुर्माने की व्यवस्था होगी।
  • व्यापार करने में सरलता बढ़ेगी।
  • अधिकारों की रक्षा करते हुए जीवन की गुणवत्ता में सुधार होगा।

नई दिल्ली, 30 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बुधवार को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रेरणा लेते हुए, दिल्ली मंत्रिमंडल ने छोटे अपराधों को अपराध की श्रेणी से मुक्त करने और व्यापार तथा जीवन यापन में सरलता लाने के लिए दिल्ली जन विश्वास (प्रावधान संशोधन) विधेयक, 2026 को स्वीकृति दे दी है।

मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी साझा करते हुए कहा कि केंद्र सरकार के द्वारा लागू जन विश्वास अधिनियम की तर्ज पर, ईज ऑफ लिविंग को बढ़ावा देने का उद्देश्य रखते हुए, दिल्ली सरकार ने दिल्ली जन विश्वास विधेयक, 2026 को मंत्रिमंडल से मंजूरी दी है।

उन्होंने कहा कि अब छोटे, तकनीकी और प्रक्रियात्मक उल्लंघनों में आपराधिक मुकदमे समाप्त किए जाएंगे। इसके स्थान पर नागरिक दंड, प्रशासनिक जुर्माना और अपील की प्रक्रिया होगी।

इस विधेयक के अंतर्गत छोटे अपराधों को अपराधमुक्त कर दिया जाएगा, जिससे कारोबार करना आसान होगा। इसके परिणामस्वरूप नागरिकों को अनावश्यक परेशानी नहीं होगी, अदालतों पर बोझ कम होगा, और प्रशासन अधिक प्रभावी ढंग से काम करेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कदम नागरिकों और व्यवसायों के प्रति विश्वास और सहयोग को बढ़ाने की दिशा में है, जिसमें कठोर दंड के बजाय सरल, संतुलित और प्रभावी प्रबंधन को प्राथमिकता दी गई है। यह विधेयक दिल्ली विधानसभा के आगामी शीतकालीन सत्र में पारित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने आगे बताया कि यह विधेयक केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए जन विश्वास (प्रावधान संशोधन) अधिनियम, 2023/2025 के अनुसार है, जिसके तहत केंद्रीय कानूनों में छोटे-मोटे अपराधों को अपराध की श्रेणी से बाहर किया गया है।

इस विधेयक के माध्यम से दिल्ली सरकार व्यापार करने में सरलता और जीवन यापन में सुगमता को बढ़ाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा 2023 में लागू किए गए जन विश्वास (प्रावधान संशोधन) अधिनियम के तहत, केंद्रीय कानूनों में मामूली, तकनीकी और प्रक्रियात्मक उल्लंघनों को आपराधिक अपराधों से हटा दिया गया है।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि इस विधेयक का उद्देश्य अराजकता को बढ़ावा देना नहीं है, बल्कि दंड में समानुपात सुनिश्चित करना है।

Point of View

क्योंकि यह नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करते हुए उनकी जीवन गुणवत्ता में सुधार करने का प्रयास करता है। छोटे अपराधों के विकर्षण से प्रशासनिक व्यवस्था को अधिक प्रभावी बनाने में मदद मिलेगी। यह विधेयक न केवल व्यापार को सुगम बनाएगा, बल्कि नागरिकों के लिए न्यायिक प्रक्रिया को भी सरल करेगा।
NationPress
30/12/2025

Frequently Asked Questions

दिल्ली जन विश्वास विधेयक 2026 क्या है?
यह विधेयक छोटे अपराधों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने और व्यापार करने में सरलता लाने के लिए प्रस्तावित है।
इस विधेयक के तहत छोटे अपराधों से संबंधित क्या परिवर्तन होंगे?
छोटे अपराधों को अब अपराधमुक्त कर दिया जाएगा और उनकी जगह नागरिक दंड और प्रशासनिक जुर्माना लागू होगा।
क्या यह विधेयक दिल्ली विधानसभा में पारित होगा?
हाँ, यह विधेयक आगामी शीतकालीन सत्र में पारित किया जाएगा।
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