क्या एस जयशंकर ने बहरीन के विदेश मंत्री अलजयानी से मुलाकात की?
सारांश
Key Takeaways
- भारत और बहरीन के बीच उच्च संयुक्त आयोग की बैठक हुई।
- बैठक का उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना है।
- भारत में एक बड़ा भारतीय समुदाय बहरीन में निवास करता है।
- वाणिज्यिक संबंधों में पेट्रोलियम उत्पाद प्रमुख हैं।
- दोनों देशों ने नवीकरणीय ऊर्जा में सहयोग की संभावनाएं तलाश की हैं।
नई दिल्ली, 3 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को नई दिल्ली में बहरीन के विदेश मंत्री अब्दुल लतीफ बिन राशिद अलजयानी से मुलाकात की। इस अवसर पर दोनों देशों के बीच भारत-बहरीन उच्च संयुक्त आयोग की पांचवीं बैठक में सार्थक चर्चाओं की उम्मीद जताई गई।
जयशंकर ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, "मुझे खुशी है कि मैं बहरीन के विदेश मंत्री अब्दुल लतीफ बिन राशिद अलजयानी का नई दिल्ली में स्वागत कर रहा हूं। मैं भारत-बहरीन उच्च संयुक्त आयोग की पांचवीं बैठक में उत्पादक चर्चाओं की आशा करता हूं।"
अब्दुल लतीफ बिन राशिद अलजयानी रविवार को भारत पहुंचे, ताकि वे भारत-बहरीन उच्च संयुक्त आयोग की बैठक की सह-अध्यक्षता कर सकें। यह कदम दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "हम बहरीन साम्राज्य के विदेश मंत्री का हार्दिक स्वागत करते हैं। उनकी यात्रा भारत-बहरीन संबंधों को और अधिक प्रगति देने का एक अवसर है।"
उच्च संयुक्त आयोग (एचजेसी) भारत और बहरीन के बीच बहुआयामी साझेदारी को गहरा करने और उसकी समीक्षा करने हेतु एक महत्वपूर्ण तंत्र है।
भारत और बहरीन के बीच इतिहास, संस्कृति और आर्थिक जुड़ाव के आधार पर दीर्घकालिक संबंध हैं। दोनों देशों के राजनयिक संबंध 1971 से हैं और बहरीन में एक बड़ा भारतीय समुदाय निवास करता है।
द्विपक्षीय व्यापार में पेट्रोलियम उत्पाद, मशीनरी, इलेक्ट्रॉनिक्स, और खाद्य पदार्थ शामिल हैं। हाल के वर्षों में, व्यापार और निवेश सहयोग ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
दोनों देशों ने नवीकरणीय ऊर्जा, डिजिटल प्रौद्योगिकियों और स्टार्ट-अप में सहयोग बढ़ाने के संभावनाएं भी तलाश की हैं।