क्या जीएसटी 2.0 ने उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था को बूस्ट किया?

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क्या जीएसटी 2.0 ने उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था को बूस्ट किया?

सारांश

जीएसटी में किए गए सुधारों ने उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा दी है। छोटे पहाड़ी किसानों और महिला कारीगरों को लाभ पहुंचाने वाले इन परिवर्तनों के पीछे क्या कारण हैं? जानिए पूरी कहानी इस लेख में।

Key Takeaways

  • जीएसटी दर में कमी से छोटे किसानों को लाभ होगा।
  • महिला कारीगरों की आय में वृद्धि होगी।
  • पर्यटन क्षेत्र को प्रोत्साहन मिलेगा।
  • स्थानीय उद्योग को मजबूती मिलेगी।
  • रोजगार के अवसर में वृद्धि होगी।

नई दिल्ली, 21 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। जीएसटी में सुधारों ने उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था को एक महत्वपूर्ण बूस्ट प्रदान किया है, जिससे पारंपरिक फसलों के छोटे पहाड़ी किसानों से लेकर महिलाओं कारीगरों तक को लाभ हुआ है। यह जानकारी मंगलवार को एक आधिकारिक बयान में साझा की गई।

बयान में बताया गया कि टैक्स का बोझ कम करने और प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के माध्यम से, जीएसटी सुधार आजीविका सुरक्षा, पर्यटन, एमएसएमई विकास और हरित उद्यमिता को सुदृढ़ करेगा।

जीएसटी की दर को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने से पहाड़ी तुअर दाल जैविक और स्वास्थ्यवर्धक खाद्य बाजारों में अधिक प्रतिस्पर्धी हो गई है, जिससे चमोली, अल्मोड़ा, टिहरी, नैनीताल और पिथौरागढ़ के छोटे किसानों को लाभ होगा। उत्तराखंड के पुरोला और मोरी में उगाए जाने वाले लाल चावल की भी प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ने की संभावनाएं हैं।

इसी प्रकार, अल्मोड़ा की जीआई-टैग वाली लखौरी मिर्ची उगाने वाले किसानों को जीएसटी में कटौती से भी लाभ होगा।

पर्यटन, जो उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था में 13.6 प्रतिशत का योगदान देता है, लगभग 80,000 लोगों को रोजगार प्रदान करता है। 7,500 रुपए तक के होटल किराए पर जीएसटी की दर को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने से यात्रा अधिक किफायती होगी। इससे नैनीताल, मसूरी, औली, चोपता, मुनस्यारी, हरिद्वार और ऋषिकेश के छोटे होटल और रेस्टोरेंट को फायदा होगा।

उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में, स्थानीय रूप से बने स्वेटर, टोपी और मोजे का निर्माण एक महत्वपूर्ण मौसमी कुटीर उद्योग है। जीएसटी की दर में कमी से कीमतों में गिरावट और आय में वृद्धि की उम्मीद है। रिंगाल से बने उत्पादों के कारीगरों को भी फायदा होगा।

उत्तराखंड में 383 पंजीकृत खाद्य प्रसंस्करण इकाइयाँ हैं, जो लगभग 30,000 लोगों को रोजगार देती हैं। जीएसटी में कमी से मार्जिन में सुधार, मूल्य संवर्धन और कृषि-औद्योगिक आधार को मजबूत करने की संभावना है।

पंतनगर, रुद्रपुर, हरिद्वार और काशीपुर में ऑटोमोबाइल विनिर्माण क्षेत्र लगभग 50,000 लोगों को रोजगार देता है। वाहनों पर जीएसटी की दर में कमी से घरेलू मांग बढ़ने की उम्मीद है, जिससे निर्माताओं को समर्थन मिलेगा और अतिरिक्त रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

Point of View

बल्कि राज्य के समग्र विकास के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। यह एक सकारात्मक परिवर्तन है जो स्थानीय उद्योगों को प्रोत्साहित करता है और रोजगार के अवसर बढ़ाता है।
NationPress
21/10/2025

Frequently Asked Questions

जीएसटी 2.0 से उत्तराखंड में कौन से क्षेत्र प्रभावित हुए हैं?
जीएसटी 2.0 से कृषि, पर्यटन, एमएसएमई, और कुटीर उद्योग जैसे कई क्षेत्र प्रभावित हुए हैं।
क्या जीएसटी में कमी से स्थानीय कारीगरों को लाभ होगा?
हाँ, जीएसटी में कमी से स्थानीय कारीगरों की उत्पादों की कीमतें कम होंगी, जिससे उनकी बिक्री बढ़ेगी।
उत्तराखंड के किसानों को जीएसटी में कटौती से क्या लाभ होगा?
किसानों को जीएसटी में कटौती से उनके उत्पादों की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी, जिससे उन्हें बेहतर बाजार मूल्य मिल सकेगा।