क्या गुजरात में अगस्त-सितंबर में बारिश से हुए नुकसान के लिए किसानों को 947 करोड़ रुपए मिलेंगे?

सारांश
Key Takeaways
- 947 करोड़ रुपए का कृषि राहत पैकेज किसानों के लिए महत्वपूर्ण है।
- कृषि मंत्री ने 20,000 रुपए की वित्तीय सहायता की घोषणा की है।
- पैकेज का उद्देश्य किसानों को भविष्य में फसल नुकसान से बचाना है।
- जिला प्रशासन ने 800 गांवों का सर्वेक्षण किया है।
- किसानों को जलमग्न क्षेत्रों के लिए अतिरिक्त सहायता मिलेगी।
भावनगर, 21 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। गुजरात के कृषि मंत्री जीतू वघानी ने भारी वर्षा से प्रभावित किसानों के लिए एक राहत पैकेज की घोषणा की है। यह घोषणा अगस्त-सितंबर 2025 में हुई मूसलधार बारिश के कारण किसानों को हुए नुकसान के संबंध में की गई है।
मंत्री जीतू वघानी ने बताया, "खरीफ सीजन के दौरान हुए नुकसान के लिए 563 करोड़ रुपए का अनुदान निर्धारित किया गया है। इसके अलावा, राज्य सरकार को 384 करोड़ रुपए का अतिरिक्त फंड मिला है, जिससे कुल राहत पैकेज 947 करोड़ रुपए हो गया है।"
उन्होंने कहा कि वाव थराद जिले के लिए 2,500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। पाटन में यह निर्णय इस उद्देश्य से लिया गया है कि किसानों को भविष्य में खेती में किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े। कुल मिलाकर किसानों के लिए 3,447 करोड़ रुपए की घोषणा की गई है।
कृषि मंत्री ने यह भी बताया कि वाव थराद और पाटन के प्रभावित किसानों को 20,000 रुपए की वित्तीय सहायता दी जाएगी, जिनके खेत जलमग्न हो गए हैं और रबी फसलों में उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। यह सहायता राशि प्रति खाता अधिकतम 2 हेक्टेयर तक होगी।
कृषि मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में राज्य सरकार ने किसानों के हित में 947 करोड़ रुपए का कृषि राहत पैकेज घोषित किया है। जिला प्रशासन ने 5 जिलों के 18 तालुकों के 800 गांवों का सर्वेक्षण किया है और फसल क्षति की रिपोर्ट प्राप्त की थी, जिसके आधार पर सहायता राशि का वितरण किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि खरीफ मौसम में बोई गई फसलों में मुख्यतः ज्वार, चारा, बाजरा, कपास, मूंगफली, सब्जियों और दालों के साथ-साथ बारहमासी अनार जैसी बागवानी फसलों को भी नुकसान हुआ है।
कृषि मंत्री जीतू वघानी ने यह भी सुनिश्चित किया है कि वाव थराद और पाटन जिलों में भारी बारिश के कारण बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में प्रभावित किसानों को अतिरिक्त वित्तीय सहायता मिले। इसके लिए अधिकारी कार्यरत हैं। गुजरात सरकार किसानों के साथ खड़ी है।